निजी एंबुलेंस में रेफर का खेल, वसूले जा रहे दोगुने दाम
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृहक्षेत्र छावनी के नागरिक अस्पताल में मरीजों और उनके तिमारदारों को निजी एंबुलेंस चालक रोजाना हजारों रुपये का चूना लगा रहे हैं। सरकार ने मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस के 7 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से रेट तय किए हुए हैं। लेकिन यहां छावनी में निजी अस्पतालों के एंबुलेंस चालक मनमाने रेट मरीजों से वसूल रहे हैं।
हरीश कोचर, अंबाला
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृहक्षेत्र छावनी के नागरिक अस्पताल में मरीजों और उनके तिमारदारों को निजी एंबुलेंस चालक रोजाना हजारों रुपये का चूना लगा रहे हैं। सरकार ने मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस के 7 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से रेट तय किए हुए हैं। लेकिन यहां छावनी में निजी अस्पतालों के एंबुलेंस चालक मनमाने रेट मरीजों से वसूल रहे हैं। हालात यह है कि छावनी से चंडीगढ़ में पीजीआइ या फिर सेक्टर-32 नागरिक अस्पताल तक जाने के लिए किलोमीटर स्कीम के तहत मरीजों को केवल 750 से 800 रुपये चुकाने होते हैं। लेकिन निजी एंबुलेंस चालक इन्हीं दोनों जगह जाने के लिए 1500 से 2 हजार रुपये तक ऐंठ रहे हैं। वहीं कोई शव ले जाने के लिए भी यह चालक मनमानी करते हैं। मंगलवार को तो नागरिक अस्पताल से डायलिसिस के एक मरीज को जबरन पीजीआइ ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस चालक ने हंगामा तक कर दिया।
--------------------
फोटो 45
निजी एंबुलेंस चालक ने किया हंगामा
मंगलवार को रामकिशन कॉलोनी निवासी आसिफ को उसका भाई डायलिसिस करवाने के लिए दोपहर के समय अस्पताल में लेकर पहुंचा। लेकिन बीपी कम होने के कारण डॉक्टर ने उसे चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया। ऐसे में उन्हें एक निजी एंबुलेंस चालक ने कार्ड दिया हुआ था। एंबुलेंस चालक से बात की तो पीजीआइ के लिए 1600 रुपये मांगे। उस समय अस्पताल में सरकारी एंबुलेंस नहीं थी लेकिन 108 नंबर पर सूचना दे दी थी। मरीज को तुरंत रेफर किया जाना था जिस कारण निजी एंबुलेंस अस्पताल के अंदर पहुंच गया। उसने कहा कि मरीज को मैं ही लेकर जाऊंगा और इसी बीच सरकारी एंबुलेंस भी यहां पहुंच गई। उधर, यह मामला एसएमओ को पता चला तो उन्होंने चौकी इंचार्ज कृष्ण पुंडीर को मौके पर भेजा लेकिन तब तक निजी एंबुलेंस चालक अस्पताल से जा चुका था।
--------------------
फोटो 46
पीजीआइ के लिए 1600 रुपये मांगे
मैंने अपने भाई को पीजीआइ लेकर जाना था। मुझे किसी युवक ने एंबुलेंस का कार्ड दिया था जिस पर दिए गए नंबर पर मैंने बात की। चालक ने मुझसे पीजीआइ जाने के लिए 1600 रुपये मांगे।
निसार, मरीज का भाई।
-------------------
दैनिक जागरण ने मंत्री को दिखाई फोटो
दैनिक जागरण टीम ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को कुछ फोटो दिखाई जिसमें दिख रहा है कि अस्पताल में सरकारी एंबुलेंस मौजूद होने के बावजूद निजी एंबुलेंस में मरीज को ले जाया जा रहा है। इसी तरह से निजी एंबुलेंस चालक इमरजेंसी के अंदर एसी की हवा खा रहे हैं। विज ने फोटो देखने के बाद एसएमओ डॉ. सतीश को फोन किया और खुद इस मामले में जांच करवाने के लिए कहा। साथ ही यहां तक कह दिया कि अस्पताल के आगे से इन निजी एंबुलेंस को हटवाएं।
---------------------
फोटो 47
अस्पताल के अंदर बैठे रहते निजी एंबुलेंस चालक
अस्पताल में हालात यह है कि निजी एंबुलेंस चालक इमरजेंसी के अंदर ही बैठकर आराम से एसी की हवा का लुत्फ उठाते हैं। अगर कोई अफसर आता है तो यह चालक बाहर पार्किंग या फिर अस्पताल गेट के पास खड़े हो जाते हैं। कई चालकों ने तो अस्पताल में अपने विजि¨टग कार्ड तक मरीज और उनके तिमारदारों को दे रखे हैं ताकि उन्हें बुलाया जा सके। जबकि खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कुछ दिन पूर्व यहां निरीक्षण करने के दौरान एसएमओ को सख्त हिदायत दी थी कि कोई भी प्राइवेट एंबुलेंस चालक अस्पताल के अंदर नहीं आना चाहिए। इसके बावजूद मंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
--------------------
फोटो 48, 49
एंबुलेंस चालक के पास दस्तावेज ही नहीं
वहीं छावनी में जगाधरी रोड पर प्रीत नगर स्थित अग्रवाल ग्लोबल अस्पताल के नाम से भी एक एंबुलेंस अकसर यहां आती है। इस एंबुलेंस पर छावनी के अस्पताल का नाम लिखा हुआ है और गाड़ी का नंबर पीबी-10सीएच-3509 पंजाब का है। सूत्रों के मुताबिक इस एंबुलेंस चालक के पास पूरे दस्तावेज तक नहीं हैं लेकिन पुलिस इसे कभी चे¨कग के लिए नहीं रोकते हैं। ऐसे में अगर इसकी जांच करवाई जाए तो पता चल जाएगा कि चालक के पास गाड़ी के पूरे दस्तावेज है या नहीं। वहीं अन्य प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने अपना स्थाई ठिकाना अस्पताल गेट के बिल्कुल सामने बना लिया है। यहां किसी अन्य सामान्य गाड़ी को नहीं खड़े होने दिया जाता। स्थानीय सदर थाना पुलिस या एसएचओ द्वारा इन निजी एंबुलेंस चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
--------------------
फोटो 50
मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी
इस मामले में जो भी कार्रवाई बनती है वह की जाएगी। मैंने एसएमओ को अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालकों को रोकने और बाहर सड़क किनारे खड़ी होने वाली एंबुलेंस को यहां से हटवाने के लिए आदेश दे दिए है। सरकार द्वारा निर्धारित रेट से अधिक रुपये नहीं लिए जा सकते हैं।
अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री।