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डेढ़ घंटे में सीजन की रिकार्ड 79 एमएम बरसात, डूब गया शहर

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : ट्विन सिटी में शनिवार को डेढ़ घंटे झमाझम बरसात हुई

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 08:26 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 08:26 PM (IST)
डेढ़ घंटे में सीजन की रिकार्ड 79 एमएम बरसात, डूब गया शहर
डेढ़ घंटे में सीजन की रिकार्ड 79 एमएम बरसात, डूब गया शहर

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : ट्विन सिटी में शनिवार को डेढ़ घंटे झमाझम बरसात हुई। इससे पूरा शहर डूब गया। सड़कों पर दो पहिया वाहनों का चलना भी मुश्किल हो गया। लोगों को अपना वाहन खींच कर ले जाना पड़ा। जिन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचना था उन्होंने वाहन होते हुए भी ऑटो का सहारा लिया।

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जिले में शनिवार को 79 एमएम बरसात दर्ज की गई। डेढ़ घंटे में इतनी बरसात इस साल पूरे सीजन में नहीं हुई। बरसात के चलते जिले के अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। जिले का अधिकतम तापमान 33 और न्यूनतम तापमान 28.1 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग चंडीगढ़ के अनुसार 23 जुलाई तक लगातार बरसात के आसार बने हुए हैं। इस दौरान रिमझिम बरसात के साथ मुसलाधार बरसात की संभावनाएं जताई गई हैं।

कार्यालयों तक में घुस गया पानी

जगाधरी, सेक्टर 10, नदी मोहल्ला, पुलिस लाइन, आइटीआइ रोड, जंडली, मॉडल टाउन, कचेहरी रोड, आर्य चौक, टीबी अस्पताल से जगाधरी गेट रोड, जगाधरी गेट एरिया, जंडली, सेक्टर 7, रेलवे रोड, पूरी कपड़ा मार्केट सहित लगभग पूरा शहर पानी से डूब गया। इसी तरह छावनी में मील के पीछे वाले एरिया, ¨टबर मार्केट सहित विभिन्न एरिया में पानी-पानी हो गया। हालत यह थे कि शहर में कई कार्यालयों तक में पानी घुस गया।

जो जहां थे वहीं फंस गए

सुबह करीब साढ़े 11 बजे से एक बजे तक बरसात चली। इस अवधि में बरसात के चलते जो जहां था वहीं फंस गया। एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट अंबाला शहर में लोगों को इधर-उधर शरण लेनी पड़ी। प्राइवेट स्कूलों में जूनियर ¨वग में जो बच्चे पैदल घर निकलते हैं उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कतें आई। वहीं बरसात रूकने के बाद भी रास्ता बंद होने के कारण विद्यार्थियों को घर तक पहुंचने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

किसानों की खिली बांछे

बारिश धान की फसल के लिए वरदान सिद्ध होगी। इससे धान की फसल पर लगने वाली पत्ता लपेट सूंडी का प्रकोप खत्म हो जाएगा। इसी तरह दूसरी फसलों से भी बीमारियां झड़ जाएंगी। तेज बारिश के कारण पत्ता लपेट सूंडी समाप्त हो जाती है। इससे पत्ता खुल कर पहली स्थिति में आ गया। किसानों का कहना है कि पत्ते पर सूंडी के प्रकोप के कारण पौधे का विकास कम हो पाता है, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। वहीं ¨सचाई करने से भी राहत मिली।


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