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रमजान में रोजेदार को करनी थी नमाज अता, तभी मशीन ने तोड़ दिया मजार का हिस्सा

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : लुधियाना से कोलकाता तक बनने वाले एलीवेटिड रेलवे कॉरिड

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 08:01 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 08:01 PM (IST)
रमजान में रोजेदार को करनी थी नमाज अता, 
तभी मशीन ने तोड़ दिया मजार का हिस्सा
रमजान में रोजेदार को करनी थी नमाज अता, तभी मशीन ने तोड़ दिया मजार का हिस्सा

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : लुधियाना से कोलकाता तक बनने वाले एलीवेटिड रेलवे कॉरिडोर के प्रोजेक्ट में आड़े आ रही दरगाह पर रेलवे ने अर्थ मू¨वग मशीन चला दी। हालांकि दरगाह को बचा लिया गया और आस-पास का हिस्सा तोड़ दिया गया है। परिवार ने रेलवे पर आरोप लगाया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया, जबकि रेलवे के अफसरों का कहना है कि दरगाह में रह रहे परिवार को दो साल पहले नोटिस दिया गया था। इसके खिलाफ परिवार ने सीएम और डीसी से रेलवे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

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दरगाह में रहने वाली शबनम ने बताया कि उसने रेलवे अफसरों के आगे हाथ जोड़े और किराये के मकान तलाश करने तक की मोहलत मांगी, लेकिन अफसरों ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने बताया कि रमजान का महीना चल रहा है, जिसमें उनके परिवार ने रोजे रखे हुए हैं। वह नमाज अता करने लगे तो रेलवे के अफसर अर्थ मू¨वग मशीन लेकर आ गए। अधिकारियों ने उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया और अचानक पीर की दरगाह पर तोड़-फोड़ करनी शुरू कर दी। मशीन से उनके बाथरूम, लैट¨रग, बिजली के मीटर, पीने के पानी का सिस्टम तक तोड़ दिया। पूरा दिन भर वह पानी से प्यासे रहे। उनका सारा सामान बाहर रख दिया है अल्लाह ऐसा किसी के साथ न करे। बिलखते हुए महिला बोली की वह बर्बाद हो गए और उसकी बच्चियां जवान हो गई हैं। ऐसे में वह अब कहां जाएंगे। उन्होंने बताया कि यदि उन्हें पहले नोटिस दिया होता तो तुरंत खाली कर देते लेकिन उन्हें समय नहीं दिया और मुआवजे भी नहीं मिला। उसके दादा 90 साल से यहां रह रहे थे। वहीं सहारनपुर से पहुंचे सेवादार अब्दुल सत्तार ने बताया कि यह बुजुर्गादीन की मजार है, उसे कोई नुकसान नहीं होना चाहिए या फिर यहां से शिफ्ट कर दूसरी जगह जमीन उपलब्ध कराई जाए। यहां पर उर्स हर साल मनाया जाता है जिस कारण यहां पर जायरीन भारी संख्या में पहुंचते हैं।

मुख्यमंत्री व डीसी से मांग, रेलवे पर की जाए कार्रवाई

रेलवे, प्रशासन और निगम की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, कब्जा हटवाने के लिए अदालत में भी चुनौती नहीं दी गई। परिवार की तरफ से मुख्यमंत्री और डीसी को रेलवे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इनेलो के लीगल सेल प्रधान दिलबाग ¨सह दानीपुर, महासचिव इंद्रमोहन, विपिन सेगता, नरमैल ¨सह मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि करीब सौ साल पुराना मकान है जिसमें परिवार रह रहा था और मकान में निगम द्वारा बिजली और पानी का कनेक्शन है। इस पता पर परिवार के आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत दस्तावेज बने हुए हैं।

वर्जन

एलीवेटिड रेलवे कॉरिडोर के प्रोजेक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पीर की दरगाह रेलवे की जमीन में बनी हुई है। दरगाह को कोई नुकसान नहीं पहुंचा गया, इसके अलावा अतिक्रमण को तोड़ा गया है। इस मामले में दो साल पहले नोटिस दे दिया गया था।

विनोद कुमार, अस्सिटेंट प्रोजेक्ट मैनेजर


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