राम मंदिर के नाम पर वोट ले जाते हैं पर राम को भूल जाते हैं
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: विश्व ¨हदू परिषद द्वारा राम मंदिर के निर्माण मुद्दे पर शहर की नई अनाज मंडी में बुलाए शंखनाद सम्मेलन में संतों एवं साध्वियों ने जहां सत्ता एवं विपक्ष को ललकारा वहीं न्यायालय को भी निशाने पर लिया। संतों ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार पर तंज कसते कहा कि राम मंदिर के नाम पर वोट तो ले लिए जाते हैं पर सत्ता में आने पर राम को भूल जाते हैं। राजकाज मिलने के बाद राम का काज भूल जाने वालों को याद दिलाना पड़ता है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: विश्व ¨हदू परिषद द्वारा राम मंदिर के निर्माण मुद्दे पर शहर की नई अनाज मंडी में बुलाए शंखनाद सम्मेलन में संतों एवं साध्वियों ने जहां सत्ता एवं विपक्ष को ललकारा वहीं न्यायालय को भी निशाने पर लिया। संतों ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार पर तंज कसते कहा कि राम मंदिर के नाम पर वोट तो ले लिए जाते हैं पर सत्ता में आने पर राम को भूल जाते हैं। राजकाज मिलने के बाद राम का काज भूल जाने वालों को याद दिलाना पड़ता है। सम्मेलन में ¨पजौर से साध्वी अमृता, संपूर्णानंद स्वामी, उज्जैन से विजय शंकर मेहता, बाबा रिजक दास, साध्वी नसैर्गिका, विकासानंद, सध्वी गोपिका भारती, आचार्य सनातन चैतन्य महाराज, अनिल शर्मा आदि ने अपनी बात रखी। इस सम्मेलन में श्री राम व हनुमान की सुंदर झांकी भी आकर्षण का केंद्र बनी।
मुख्य वक्ता विश्व ¨हदू परिषद के केंद्रीय मंत्री धर्म नारायण ने कहा कि जब देश के न्यायालय के पास 100 करोड़ ¨हदुओं की भावनाओं को समझना प्राथमिकता नहीं है तो ¨हदू समाज अपना निर्णय लेगा। राजा राम ने तो जनभावनाओं की कद्र करते हुए माता सीता का त्याग कर दिया था लेकिन हमारी न्यायपालिका के पास जनभावनाएं प्राथमिकता में ही नहीं हैं। प्रधानमंत्री और योगी के सिर कलम करने की बात कही जा रही है लेकिन न्यायपालिका चुप है। पहले राम जन्म भूमि को बांटने के निर्देश देकर गलती की जा चुकी है लेकिन अयोध्या राम की है।
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राम को टाट पर बिठा कर नहीं रख सकते, सिंहासन चाहिए
स्वामी संपूर्णानंद ने कहा कि भगवान राम को अब और अधिक दिनों तक टाट पर बैठाकर नहीं रख सकते, उनको उनका भव्य ¨सहासन चाहिए। महामंडलेश्वर संत ने चेताया कि आगामी चुनाव से पहले मंदिर निर्माण की नींव रख दो, हमें किसी सरकार से नहीं केवल मंदिर से मतलब है। अयोध्या में राम मंदिर बने। चुनाव से पहले राम मंदिर की नींव नहीं रखवाई तो बता देंगे कैसे चुनाव लड़ा जाता है। वहीं, एक अन्य संत ने कहा कि कपिल सिब्बल जैसे लोग राम के अस्तित्व को नकारते हैं और मंदिर मामले की सुनवाई आगामी चुनाव के बाद करने की बात कहते हैं।
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राम भक्तों को खोलने होंगे
साध्वी अमृता ने कहा कि सरकार के हाथ बंधे हुए हैं लेकिन राम भक्तों को अपने हाथ खोलने होंगे। सरकार राम भक्त है, उसे सहारे की जरूरत है। अब समय अपनों से पूछने का नहीं है बल्कि विरोधियों से पूछने का है। संत भड़काया नहीं करते पर क्या करें यह राम लला की बात है। पं. विजय शंकर मेहता ने कहा कि जो लोग राम को भूल चुके हैं उन्हें दुनिया भुला देगी।