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गेहूं की फसल पर मोतियों सी गिरी बरसात

अंबाला शहर में सोमवार रात से शुरू हुई रिमझिम बरसात मंगलवार सुबह तक जारी रही। मौसम विभाग के अनुसार 11.7 एमएम बरसात दर्ज की गई। इसमें सुबह साढ़े आठ बजे तक 7.7 व इसके बाद 4 एमएम बरसात दर्ज की गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 01:17 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 01:17 PM (IST)
गेहूं की फसल पर मोतियों सी गिरी बरसात
गेहूं की फसल पर मोतियों सी गिरी बरसात

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : सोमवार रात से शुरू हुई रिमझिम बरसात मंगलवार सुबह तक जारी रही। मौसम विभाग के अनुसार 11.7 एमएम बरसात दर्ज की गई। इसमें सुबह साढ़े आठ बजे तक 7.7 व इसके बाद 4 एमएम बरसात दर्ज की गई। बरसात के बाद ठिठुरन का असर बाजारों से लेकर कार्यालयों तक देखा गया। कई निचले इलाकों व बदहाल निकासी वाले क्षेत्र में पानी भी जमा हुआ। विशेषकर सेक्टर-9 व 10 की कई सड़कों पर पानी जमा रहा जहां निकासी बदहाल दिखी। मंगलवार को अधिकतम तापमान 21.8 व न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, 25 जनवरी तक बूंदाबांदी जारी रहने की उम्मीद जताई है। पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं होने से शाम ढलते ही एक बार फिर जनजीवन कड़ाके की ठंड में जकड़ा नजर आया। वहीं, बरसात गेहूं पर मोतियों की तरह बरसी। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गेहूं के लिए यह बरसात मुफीद साबित होने वाली है। बूंदाबांदी से मौसम के जल्द गर्म होने पर विराम लगेगा। ठंड का मौसम लंबा चलने पर गेहूं का उत्पादन बढ़ेगा।

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कृषि विभाग के मुताबिक जिले की करीब 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से इस समय करीब 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल ली जा रही है। कुछ किसान सब्जी व सरसों की फसल ले रहे हैं। भारी बरसात व ओलावृष्टि की स्थिति में सरसों व सब्जियों को नुकसान पहुंच सकता है।

जनजीवन पर भी देखा गया असर

अभिभावकों ने मंगलवार सुबह बूंदाबांदी के बीच बच्चों को स्कूल छोड़ा। वहीं, कामकाजी लोगों के लिए काम धंधों पर जाने की ¨चता बढ़ गई थी। हालांकि, दिन चढ़ने के बाद बरसात मामूली रहने से लोगों ने राहत की सांस भी ली। इसके बावजूद ठंड से लोग ठिठुरते रहे। बरसात का असर गणतंत्र दिवस की तैयारियों पर भी असर दिखा। गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुत किए जाने वाले सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रमों से जुड़े विद्यार्थियों ने शहर अनाज मंडी के शेड के नीचे रिहर्सल की।

किसानों के लिए रहेगी फायदेमंद

कृषि विज्ञान केंद्र तेपला के वैज्ञानिक डॉ. गुरु प्रेम के मुताबिक अभी गेहं को करीब 15 से 20 दिनों तक मौसम में ठंडक की जरूरत है। गर्म मौसम गेहूं की पैदावार को नुकसान पहुंचा सकता है। बरसात के बाद बनी ठंडक की स्थिति गेहूं के लिए अच्छी साबित होगी।

अस्थमा व एलर्जी के रोगियों की बढ़ेगी मुश्किल

नागरिक अस्पताल शहर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभ ज्योति व डॉ. अर्ल गगनजोत ¨सह के मुताबिक बरसात बढ़ने से हवा का संक्रमण नीचे बैठ जाता है। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। हालांकि, अस्थमा, नजला के रोगियों की मुश्किल बढ़ जाती है। बच्चों के मामले में विशेष एहतियात बरती जाए। बरसात में बच्चों को भीगने न दें।


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