रेलमंत्री ने खाने की व्यवस्था पर मांगा फीडबैक, हजारों यात्रियों ने दिए सुझाव
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर यात्रियों से रेल में खाने की व्यवस्था को लेकर फीडबैक मांगा है। 24 घंटे में री-ट्वीट कर 3287 यात्रियों ने इस पर सुझाव दिए हैं।
अंबाला [दीपक बहल]। रेलगाड़ियों में खाने की खराब गुणवत्ता की वजह से यात्रियों की भारी नाराजगी झेलने पर रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर खानपान की व्यवस्था में और सुधार के लिए पहल की है। उन्होंने यात्रियों से अनुरोध किया कि भोजन और उसकी व्यवस्था यदि ठीक नहीं है तो फीडबैक दें। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आपका फीडबैक मिलेगा खाना परोसने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, उसका लाइसेंस भी रद किया जा सकता है।
गोयल ने नसीहत देते हुए कहा कि सामान्य तौर पर यह कह देना कि खाने की क्वालिटी ठीक नहीं, इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता। यदि लिया भी गया तो संबधित कंपनी कोर्ट से और अधिकारी कैट से स्टे ले आएगा। मंत्री ने कहा, एक्शन लेने के लिए कारण चाहिए, इसलिए सभी से आग्रह है कि हमें फीडबैक दें। ट्विटर पर रेल मंत्री का मैसेज और वीडियो देखकर देशभर से 3,287 से अधिक यात्रियों ने री-ट्वीट कर अपनी शिकायत और सुझाव दिए।
इतना ही नहीं दस हजार से अधिक लोगों ने इसे लाइक किया तो 1664 ने रिप्लाई किया। इसके बाद रेलवे अधिकारी और भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के अधिकारी भी एक्शन मोड में आ गए और यात्रियों की शिकायत मिलने के बाद उनका पीएनआर नंबर पूछा गया।
हालांकि, यात्रियों ने री-ट्वीट कर खाने की शिकायत के अलावा उत्तर रेलवे, बिहार आदि में कन्फर्म टिकट न मिलने, ट्रेनों के लेट चलने, पानी की बोतल के दाम अधिक वसूलने, रिजर्व बोगियों में अन्य यात्रियों की एंट्री से कन्फर्म टिकट के यात्रियों को होने वाली परेशानी की बात भी कही। इन शिकायतों का समाधान निकालने के लिए रेल अफसरों ने री-ट्वीट कर आश्वासन भी दिया और खेद भी प्रकट किया।
भ्रष्टाचार मिटाना सामूहिक जिम्मेदारी
रेल मंत्री ने एक अन्य ट्वीट कर किया कि भ्रष्टाचार मिटाना सामूहिक जिम्मेदारी है, इसमें सभी का सहयोग चाहिए होता है, जनभागीदारी आवश्यक होती है, यदि कोई व्यक्ति गलत करता है तो आप लोग जिम्मेदारी लें और उसकी शिकायत करें।
खाने की गुणवत्ता में सुधार न होने के पीछे कई कारण
शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस सहित मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता सुधारने का जिम्मा भले ही आइआरसीटीसी को दे दिया गया हो, लेकिन स्थिति नहीं सुधरीे। ऐसा इसलिए क्योंकि गुणवत्ता सुधारने के लिए रेल मंत्रालय ने जिस कमेटी का गठन किया था, उसकी अनुशंसा के मुताबिक खाने का रेट नहीं बढ़ पा रहा है। दो चीफ कॉमर्शियल मैनेजर (सीसीएम), आइआरसीटीसी के एक अधिकारी और एक रेलवे बोर्ड के अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम ने खाना करीब 30 फीसद तक महंगा करने का प्रस्ताव दिया था।
यदि कमेटी की सिफारिशें लागू की गई तो रेल किराया बढऩा लाजिमी है। शताब्दी एक्सप्रेस में टिकट में खाने के नाम पर करीब 40 रुपये बढ़ाने और पेंट्रीकार में 50 रुपये में मिलने वाले खाने के दाम 90 रुपये करने का प्रस्ताव था। इसके अलावा शताब्दी-राजधानी एक्सप्रेस में खाद्य सामग्री में कुछ आइटम हटाने के लिए भी सुझाव दिया गया था।
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