दागी कंपनी के खेल पर सख्त हुआ रेलवे, उठाया यह कड़ा कदम
रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण में मानक का पालन नहीं करने वाली कंपनी के खिलाफ अाखिरकार गाज गिरी है। रेलवे ने पंजाब की इस कंपनी की स्टील की आपूर्ति पर रोक लगा दी है।
अंबाला, [दीपक बहल]। रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण में मानक से कम स्टील की आपूर्ति करने वाली दागी कंपनी पर आखिर रोक लगा दी गई है। अब वह रेलवे में स्टील की आपूर्ति नहीं कर सकेगी। इलाहाबाद स्थित केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) ने कंपनी को अप्रूवल नहीं दिया है। पंजाब के गोबिंदगढ़ की यह कंपनी देशभर में रेलवे के लिए स्टील की आपूर्ति करती थी।
जागरण ने स्टील घोटाले में लिप्त कंपनी को अप्रूवल देने का किया था पर्दाफाश
जम्मू से ऊधमपुर, ऊधमपुर से कटरा, गाजियाबाद से मुरादाबाद और कोझिकोड से कन्नूर के विद्युतीकरण में मानक से कम वजन के स्टील स्ट्रक्चर्स मिला था। इसके बाद विजिलेंस जांच बिठाने के साथ ही कंपनी की सप्लाई रोक दी गई। लेकिन, इलाहाबाद स्थित केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) ने 18 दिन होल्ड के बाद कंपनी को दो माह के लिए फिर से मॉल सप्लाई की अनुमति दे दी।
देशभर में चुनिंदा कंपनियों को मिलती है स्टील आपूर्ति की मान्यता, दागी कंपनी पर भी थी मेहरबानी
दैनिक जागरण ने गत 29 जून को कंपनी के प्रति अफसरों की हमदर्दी को उजागर किया था। अब रेलवे सिस्टम में सुधार दिखने लगा है। परियोजनाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाने वाली राइट््स यानी रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेज लिमिटेड पर नकेल कसने का काम शुरू हो चुका है।
इस तरह हुआ था खेल
गत 19 मई को रेल अधिकारी डीबी सिंह ने लिखित में आदेश जारी कर कंपनी को दी गई अनुमति को होल्ड कर दिया। यानी विजिलेंस जांच के कारण कंपनी स्टील की सप्लाई नहीं कर सकेगी। सूत्रों के अनुसार, इसके बाद कंपनी ने रेलवे बोर्ड के आला अधिकारियों से बातचीत कर हस्तक्षेप करने के लिए दबाव बनाया था। असर यह रहा कि 5 जून को फिर से रेलवे ने आदेश जारी कर होल्ड को हटाकर 31 जुलाई 2018 तक स्टील सप्लाई की अनुमति दे दी। इस मामले में रेलवे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठे थे।
चुनिंदा कंपनियों को मिलती है स्टील आपूर्ति की मान्यता
रेलवे ने चुनिंदा कंपनियों को ही स्टील या स्टील स्ट्रक्चर्स की आपूर्ति के लिए मान्यता दे रखी है। रेलवे या उसके ठेकेदार देशभर में एक दर्जन कंपनियों से ही स्टील की खरीद कर सकते हैं। विद्युतीकरण के प्रोजेक्टों पर स्ट्रक्चर्स में करीब 85 फीसद स्टील का प्रयोग होता है। यदि कंपनियां तय मानक पर खरी न उतरें तो उन पर जुर्माना लगाने और ब्लैक लिस्ट करने का अधिकार रेलवे के पास है।
कंपनी को अप्रूवल नहीं दिया गया : महाप्रबंधक
महाप्रबंधक (कोर) रतनलाल ने बताया कि कंपनी को अप्रूवल नहीं दिया गया, जिस कारण फिलहाल वह रेलवे में स्टील की आपूर्ति नहीं कर सकेगी। यह मामला उजागर होने के बाद अब निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाली सभी निजी कंपनियों को माल पर अपना मार्का भी लगाना आरंभ कर दिया है। रेल अधिकारी खुद वजन करवा रहे हैं और इसे क्रॉस चेक भी किया जा रहा है।