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Rail engine scrap scam: आइजी की जांच रिपोर्ट DGP की टेबल पर अटकी

नौ रेल इंजनों की नीलामी घोटाले में लिप्त अफसरों को बचाने की जांच रिपोर्ट रेलवे सुरक्षा बल (RPF) महानिदेशक अरुण कुमार की टेबल पर अटक गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 12:23 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 12:25 PM (IST)
Rail engine scrap scam: आइजी की जांच रिपोर्ट DGP की टेबल पर अटकी
Rail engine scrap scam: आइजी की जांच रिपोर्ट DGP की टेबल पर अटकी

अंबाला [दीपक बहल]। नौ रेल इंजनों की नीलामी घोटाले में लिप्त अफसरों को बचाने की जांच रिपोर्ट रेलवे सुरक्षा बल (RPF) महानिदेशक अरुण कुमार की टेबल पर अटक गई है। इस संबंध में सुबूतों को नष्ट करने और आरोपित अफसरों को गिरफ्तार न करने का दबाव बनाने की ऑडियो लीक होने के बाद जांच का जिम्मा उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के IG एसएन पांडेय को सौंपा गया था, लेकिन जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के एक माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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बता दें कि जगाधरी वर्कशाप (हरियाणा) से नौ इंजनों की करीब 64 लाख रुपये की नीलामी की गई थी। नीलामी में महज स्क्रैप को बेचा जाना था। पंजाब के लुधियाना डीजल शेड से, जहां ये खड़े थे, इन्हें काटकर केवल स्क्रैप दिया जाना था। इंजनों से निकलने वाला एल्यूमीनियम, तांबा और महत्वपूर्ण पार्टस को नहीं दिया जाना था, लेकिन एल्यूमीनियम और तांबा तक लोड करके बेच दिया गया था।

RPF ने DME, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, सहित नौ लोगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। आरोपित अफसर ड्यूटी पर थे लेकिन दबाव के कारण उनको गिरफ्तार नहीं किया गया। जांच कर रहे इंस्पेक्टर रहे सुखदेव राज को दिल्ली की एक सीनियर कमांडेंट ने फोन कर कहा कि आइजी की मंजूरी के बिना DME (डिवीजनल मेंटीनेंस इंजीनियर) को छेड़ोगे नहीं। इस प्रकरण में जांच अधिकारी और अफसरशाही के बीच दबाव बनाने की वार्ता की लीक ऑडियो लीक हो गई थी। दैनिक जागरण ने इस लीक ऑडियो का पर्दाफाश भी किया था।

महानिदेशक को सौंप दी है जांच रिपोर्ट : आइजी

NCR के आइजी एसएन पांडेय ने दैनिक जागरण को बताया कि इस मामले की जांच रिपोर्ट RPF के महानिदेशक अरुण कुमार को सौंपी जा चुकी हैं, इससे अधिक वे इस मामले में कुछ बताने के लिए सक्षम नहीं हैं।

DGP ने झाड़ा पल्ला

दैनिक जागरण ने RPF के महानिदेशक अरुण कुमार से इस मामले में पूछा तो मामला सुनने के बाद फोन काट दिया। Whatsapp पर लिखकर पूछा गया तो पढऩे के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया गया।

रेलवे बोर्ड ही कुछ बता सकता है : IG

उत्तर रेलवे के IG संजय ने कहा कि इंजन स्क्रैप के मामले की जांच रेलवे बोर्ड ने करवाई थी उन्हें इस बारे कुछ पता नहीं है।

आडियो के अंश

जांच अधिकारी : आप 21 तारीख को बरामद संपत्ति की वेरीफिकेशन करने गए थे ?

मैकेनिकल अधिकारी : हां जी सर, हां जी।

जांच अधिकारी : और फिर दोबारा 23 जनवरी को बुलाया गया था ?

मैकेनिकल अधिकारी : जी सर, 23 को दोबारा बुलाया गया था।

जांच अधिकारी : पहले 21 को वेरीफिकेशन लिखकर दिया था और फिर उसे चेंज 23 को कराया गया था ?

मैकेनिकल अधिकारी : जी सर, 23 को दोबारा करवाया गया था 21 तारीख की डेट में।

जांच अधिकारी : पहले क्या गड़बड़ हो गई थी ?

मैकेनिकल अधिकारी : उसमें लेसिंग चेन के बारे में नहीं लिखा था।

जांच अधिकारी : स्प्रिंग तो इंजन में ही लगते हैं न ?

मैकेनिकल अधिकारी : स्प्रिंग तो इंजन में लगते हैं, इंजन के नो क्वाइल का होता है वह सात क्वाइल का है। है तो रेल प्रापर्टी।

जांच अधिकारी : चेंज कराने की क्या जरूरत पड़ गई थी?

मैकेनिकल अधिकारी : पता नहीं सर, क्या हुआ क्या नहीं इनको, इंस्पेक्टर ने लिखवाया दोबारा।

जांच अधिकारी : इंजन को जिसने काटा था उसने भी कहा था कि इंजन के आगे कोई बक्सा होता है जिसमें स्प्रिंग लगते हैं?

मैकेनिकल अधिकारी: सर, बफर होता है। बफर के अंदर लगते हैं।

जांच अधिकारी : आपने क्यों नहीं लिखा कि बफर के अंदर लगते हैं?

मैकेनिकल अधिकारी : सर, सारी बात में फोन पर नहीं बता सकता। लगते तो इंजन में ही हैं।

जांच अधिकारी : वह क्या कह रहे थे कि लिख दो इंजन में नहीं लगते हैं?

मैकेनिकल अधिकारी : हां, वह कह रहे कि लिख दो इंजन में नहीं लगते, लेकिन मैंने कहा था कि लगते तो इंजन में ही हैं।

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