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जनता ने बनाया प्रतिनिधि, शहर की सरकार आज लेगी शपथ

अंबाला शहर के 20 वार्ड में चुने गए नवनिर्वाचित पार्षद और मेयर को 14 दिन के बाद अंबाला मंडल की आयुक्त दीप्ती उमाशंकर शपथ दिलाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 06:46 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:46 AM (IST)
जनता ने बनाया प्रतिनिधि, शहर की सरकार आज लेगी शपथ
जनता ने बनाया प्रतिनिधि, शहर की सरकार आज लेगी शपथ

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अंबाला शहर के 20 वार्ड में चुने गए नवनिर्वाचित पार्षद और मेयर को 14 दिन के बाद अंबाला मंडल की आयुक्त दीप्ती उमाशंकर शपथ दिलाएगी। मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर अंबाला शहर की सरकार बनने जा रही है। यह समारोह शहर के पुलिस ऑडिटोरियम में किया जाएगा। ताकि शारीरिक दूरी का ध्यान रहे। हालांकि अधिकतर सरकारी कार्यक्रम या समारोह पंचायत भवन में होते हैं। सिर्फ कोरोना काल के कारण इसे चुना गया है। रोचक बात यह है कि इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे, लेकिन समारोह में सत्ता, विपक्ष एक छत के नीचे नजर आएंगे।

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बता दें कि 20 वार्ड में भाजपा के सबसे अधिक प्रत्याशी जीते हैं। भाजपा के आठ, हरियाणा जनचेतना पार्टी वी के सात, कांग्रेस के तीन और हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के दो पार्षद जीते हैं। इस बार निगम चुनाव में सीधे मेयर का चुनाव हुआ था। इसलिए सभी राजनीतिक दलों की निगाहें मेयर की कुर्सी पर थी। मेयर पद के लिए शहर की जनता ने हरियाणा जनचेतना पार्टी की शक्ति रानी को विजय बनाया। शक्ति रानी शर्मा की जीत के सामने कई पार्षदों की जीत का जश्न फीका नजर आया। वीरवार को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को समारोह में शामिल होना है। इसके चलते इस समारोह का रंग कुछ अलग ही होगा। ----- - 250 लोग हो सकेंगे शामिल

पुलिस ऑडिटोरियम में नीचे 450 कुर्सियां हैं और ऊपर 176 कुर्सियां लगी हैं, लेकिन इसमें एक कुर्सी छोड़कर सीटिग प्लान बनाया गया है।इसके लिए बकायदा कुर्सियों पर स्टीकर तक लगा दिए गए हैं। जिसमें सिर्फ 250 कुर्सियों की व्यवस्था की गई है। ----- - धारा 53 में संशोधन नहीं किया गया : हेमंत कुमार

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि सवा दो साल पहले विधानसभा में नगर निगम अधिनियम 1994 की कई धाराओं में संशोधन कर सीधा मेयर का चुनाव होने का प्रावधान किया गया था, लेकिन कानून की धारा 53 में संशोधन नहीं किया गया। जिस कारण आज भी इस धारा में निगम के चुनावों नतीजे आने के 30 दिन के अंदर में मंडल आयुक्त को पहले बैठक बुलानी होती है।


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