Haryana: मंत्री से बोले डीलर - हम रो रहे खून के आंसू, न हो रही एनडीसी और न बनाई जा रही नई प्रापर्टी आइडी
अंबाला के विधायक को भी यही हैं इन्हें भी हमने इसीलिए चुना था कि हमारी आवाज बनेंगे। लेकिन यह अधिकारी किसी की नहीं सुनते। इसी तरह किसी ने काली किताब पूरी तरह गलत बताई तो किसी ने कहा कि अफसरशाही हावी है।
अंबाला शहर, जागरण संवाददाता। मंत्री जी, हमने क्या गलती कर दी। हमारा एक भी काम नहीं हो रहा। यकीन मानिए नगर निगम के अधिकारी इतने निकम्मे हैं कि कोई भी सुनवाई करते हैं। उठ-उठकर भागते हैं, प्रापर्टी आइडी में कोई नंबर अपडेट करवाना हो तो वह भी नहीं किया जाता। मंजी साहिब गुरुद्वारा के पास रहने वाले प्रापर्टी डीलर सिंपल ने अपनी बात बढ़ाते हुए यह तक कह दिया कि खून के आंसू रो रहे हैं हम तो मंत्री जी। क्या भाषा बोलें इनके बारे में। यह इतने निकम्मे हैं। 200 गज का प्लाट 100 में भी नहीं बेच सकते। क्योंकि उसके टुकड़े नहीं हो सकते, नई प्रापर्टी आइडी नहीं बन सकती।
अंबाला के विधायक को भी यही हैं इन्हें भी हमने इसीलिए चुना था कि हमारी आवाज बनेंगे। लेकिन यह अधिकारी किसी की नहीं सुनते। इसी तरह किसी ने काली किताब पूरी तरह गलत बताई तो किसी ने कहा कि अफसरशाही हावी है। पुराने एरिया और एमसी लिमिट में भी एनडीसी नहीं हो रही। स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के समक्ष करीब 30-40 प्रापर्टी डीलरों ने इसी तरह सवालों की की झड़ी लगा दी। मंत्री ने भी उन्हें जैसे-तैसे समझाया और लिखित शिकायत देने के लिए कहा।
वह सोमवार को अंबाला शहर स्थित किंगफिशर पर्यटन स्थल जिले की सभी शहरी निकाय इकाइयों के साथ बैठक कर संबंधित विकास कार्यों एवं योजनाओं की प्रगति की समीक्षा लेकर निकल रहे थे। इससे पहले मंत्री डा. कमल गुप्ता ने प्रोपर्टी आईडी, प्रोपर्टी टैक्स रिकवरी, वित्तीय स्थिति, स्वामित्व योजना, कालोनी रेगुलराइजेशन, नगर दर्शन पोर्टल, पार्किंग की मार्किंग, सड़कों के सौंदर्यीकरण, साफ-सफाई व्यवस्था व अन्य विषयों के बारे में समीक्षा की। इस मौके पर उनके साथ स्थानीय विधायक असीम गोयल नन्यौला, भाजपा जिला प्रधान राजेश बतौरा, नगर निगम आयुक्त प्रशांत पवार मौजूद रहे।
55 हजार 707 प्रापर्टी आइडी अभी भी नहीं हो सकी इंटिग्रेटेड
मंत्री के समक्ष अधिकारियों ने बताया कि जिले में 2 लाख 28 हजार 250 प्रापर्टी हैं। इनमें से 1 लाख 58 हजार 193 प्रापर्टी आइडी इंटिग्रेटेड हो चुकी हैं और 55 हजार 707 अभी होनी बाकी हैं। इसमें से 25 हजार 730 अंबाला शहर नगर निगम की हैं जबकि अंबाला सदर की 21 हजार 216 आइडी इंटिग्रेटेड होनी हैं। इसी तरह एनडीसी पर 70 हजार 645 आब्जेक्शन लगे, 36 हजार 174 अप्रूव्ड कर दी जबकि 30 हजार 469 रिजेक्ट कर दी। करीब 4 हजार अभी लंबित हैं।
46 करोड़ की एवज में 8.63 करोड़ टैक्स ही हुआ रिकवर
जिले में कुल 46 करोड़ रुपये की रिकवरी करनी थी लेकिन 8.63 करोड़ रुपये की ही रिकवरी ही पूरे साल में हो सकी। इसमें से अंबाला शहर नगर निगम ने ही करीब छह करोड़ रुपये की रिकवरी हुई। इस तरह सदर नगर परिषद, नगरपालिका नारायणगढ़ और बराड़ा से मात्र करीब 2.63 करोड़ रुपये का टैक्स ही रिकवर हो सका।
स्वामित्व योजना का 53 दुकानदारों को ही मिला लाभ
बैठक में मंत्री को बताया किया कि मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत जिले में 212 दुकानदारों ने आवेदन किया था। इसमें से 78 को अप्रूव्ड कर दिया था जबकि 65 रिजेक्ट कर दी गई। इनमें से 53 दुकानदारों की दुकानों की रजिस्ट्री उनके नाम करवा दी गई हैं। यह सभी दुकानें भी केवल अंबाला शहर नगर निगम एरिया की हैं। इस तरह सदर छावनी, बराड़ा व नारायणगढ़ कहीं भी दुकानों की रजिस्ट्री नहीं हुई।
23 कालोनियों को जल्द किया जाएगा नियमित
24 कालोनियों की पहचान की गई इनमें से 23 कालोनियों का डाटा डीटीपी ने विभाग के पास भेज दिया। इनमें से 23 की 23 अप्रूव्ड योग्य पाई गई हैं। इन्हें जल्द ही नियमित करने की कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह नगर दर्शन पोर्टल पर अंबाला शहर नगर निगम से 85 डिमांड आई हैं जिनमें से 17 नागरिकों व 68 जनप्रतिनिधियों ने की हैं। जिनपर जल्द काम होगा।