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हनीप्रीत को आ रही याद, जेल मंत्री बोले- जो नंबर उपलब्ध कराए थे उनसे कराई जा रही बात

हनीप्रीत ने कोर्ट में याचिका दायर कर परिवार से बात कराए जाने की गुहार लगाई है। वहीं, जेल मंत्री ने कहा कि जो उसने पहले नंबर उपलब्ध करवाए थे उनसे बात भी कराई जा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 01:22 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 09:07 PM (IST)
हनीप्रीत को आ रही याद, जेल मंत्री बोले- जो नंबर उपलब्ध कराए थे उनसे कराई जा रही बात
हनीप्रीत को आ रही याद, जेल मंत्री बोले- जो नंबर उपलब्ध कराए थे उनसे कराई जा रही बात

जेएनएन, अंबाला शहर।  डेरा सच्चा सौदा प्रकरण में अंबाला जेल में बंद गुरमीत राम रहीम सिंह की गोद ली बेटी हनीप्रीत के अपने परिजनों से बातचीत न कराए जाने पर जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि उसे नियमानुसार सभी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि जेल में परिजनों से मुलाकात और फोन सुविधा को लेकर न्यायालय में हनीप्रीत ने याचिका दायर की है।

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जेल मंत्री ने कहा कि हनीप्रीत की नियमानुसार उसके परिजनों से मुलाकात करवाई जाती है और जो उसने पहले नंबर उपलब्ध करवाए थे उनसे बात भी कराई जा रही है। जहां तक प्रतिदिन फोन सुविधा उपलब्ध करवाने का सवाल है न्यायालय के आदेश के बाद ही कोई कार्रवाई संभव है।

बता दें, हनीप्रीत को अब अपने परिवार की याद आ रही है। वह राज अपने परिवार के सदस्‍यों से बात करना चाहती है। हनीप्रीत ने इसके लिए पंचकूला की अदालत में याचिका दायर की है। पिछले लगभग 275 दिन से अंबाला जेल में बंद हनीप्रीत परेशान है और वह अन्य कैदियों की तरह अपने परिवार से बात करना चाहती है।

देशद्रोह एवं हिंसा मामले में अंबाला जेल में है बंद

हनीप्रीत की ओर से वकील ने पंचकूला की एक कोर्ट में याचिका लगाकर अपील की है कि जिस तरह से अन्य आरोपित अपने परिवार के लोगों से रोजाना आधा घंटा बात करते हैं, उसी तरह उसे भी इजाजत मिले। हनीप्रीत ने याचिका में कहा है, 'जेल नियमों में भी लिखा हुआ है कि आप परिवार से बात कर सकते हैं, तो हमें भी मौका दिया जाए, हमसे भेदभाव क्यों किया जा रहा है? बचाव पक्ष के वकील ने याचिका में कहा कि यह मेरा संवैधानिक हक है। मैं अपराधी हूं, तो कल यूं नहीं कह सकते कि मैं खाना नहीं खाउंगी।'

हनी ने अदालत में याचिका लगाकर आधा घंटा बातचीत के लिए मांगी इजाजत

हरियाणा सरकार की ओर से इस याचिका का विरोध किया गया है और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने के लिए की मांग की गई है। अदालत ने इस पर फैसला सुरक्षित रखा है। इससे पूर्व हनीप्रीत ने जेल स्तर पर भी अपने परिवार से बात करने के लिए खत लिखा था, लेकिन इजाजत नहीं मिली थी।

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