चीन सीमा पर तनाव के बीच अंबाला में मोर्चाबंदी, एयरफोर्स की ताकत बने 'बाहुबली' राफेल
बाहुबली राफेल युद्धक विमान के शामिल हाेने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता और बढ़़ गई है। चीन सीमापर तनाव के बीच राफेल जरिये अंबाला एयरबेस पर मोर्चाबंदी हो गई है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। भारत -चीन के साथ एलएसी (LAC) पर तनाव के बीच बृहस्पतिवार को भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ गई है। बीते दिनों फ्रांस से भारत आए पांच राफेल लड़ाकू विमान आधिकारिक रूप से वायुसेना अंबाला एयरबेस पर मोर्चा के लिए तैनात हो गए हैं। लंबी राजनीतिक बहस और प्रक्रिया पूरे होने के बाद राफेल लड़ाकू विमान इसी साल 29 जुलाई भारत पहुंचे थे। अत्याधुनिक तकनीक से लैस राफेल वायुसेना की बड़ी ताकत बनेंगे। अंबाला से चीन और पाकिस्तान दोनों सीमा नजदीक हैं।
चीन और पाकिस्तान सीमा के नजदीक होने का मिलेगा भारत को फायदा
29 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल विमान अंबाल के एयरफोर्स बेस में पहुंचे थे। इनमें तीन सिंगल सीटर और दो ट्विन सीटर जेट हैं। अंबाला एयरबेस में जगुआर और मिग-21 फाइटर जेट भी हैं। राफेल का दूसरा बैच अक्टूबर तक आने की उम्मीद है। इसमें तीन से चार फाइटर जेट हो सकते हैं। भारत में फ्रांस से कुल 36 राफेल विमान आने हैं।
राफेल की दूसरी खेप अक्टूबर तक पहुंचने की संभावना, - 2022 तक देश में फ्रांस से कुल 36 राफेल पहुंचने हैं
राफेल फाइटर जेट वायुसेना की 17वीं स्कवॉड्रन का हिस्सा बने हैं। इस स्क्वॉड्रन को गोल्डन ऐरो स्क्वॉड्रन नाम दिया गया है। 17वीं स्क्वॉड्रन को करगिल युद्ध के दौरान पूर्व एयरफोर्स चीफ बीएस धनोवा कमांड कर रहे थे। यह स्क्वॉड्रन 1951 में बनी थी और तब भटिंडा एयरबेस से ऑपरेट करती थी। जब मिग-21 फाइटर जेट फेजआउट होने लगे तो यह 2016 में डिस्बैंड हो गई। अब यह स्क्वॉड्रन राफेल की होगी।
राफेल को वायुसेना में शामिल किए जाने के लिए आयोजित समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व हरियाणा के गृहमंत्र अनिल विज।
राफेल लड़ाकू विमानों की खासियत क्या हैं और क्यों दुश्मन इससे घबराया हुआ है, एक नज़र डालिए-
1. राफेल लड़ाकू विमान अभी अंबाला एयरबेस पर तैनात हैं, जो चीन और पाकिस्तान सीमा के पास है। ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों में ये बिल्कुल भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
2. भारतीय वायुसेना को अभी तक पांच राफेल लड़ाकू विमान मिले हैं, जबकि 2022 तक इनकी संख्या कुल 36 हो जाएगी, जिन्हें अलग-अलग एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।
3. राफेल लड़ाकू विमान स्टार्ट होते ही ऊंचाई तक पहुंचने में अन्य विमानों से काफी आगे है। राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है, जो चीन-पाकिस्तान के विमानों को भी मात देता है। यानी राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है।
4. लद्दाख सीमा के हिसाब से देखें तो राफेल लड़ाकू विमान फिट बैठता है। राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है। यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है। इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं।
5. एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है। यह हवा में ही फ्यूल को भर सकता है, जैसा इसने फ्रांस से भारत आते हुए किया भी था।
6. राफेल पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है। राफेल में जितना तगड़ा रडार सिस्टम है, ये 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एक साथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है।
7. भारत को मिले राफेल लड़ाकू विमान 24 हजार 500 किलोग्राम तक का भार उठाकर ले जाने के लिए सक्षम हैं। साथ ही 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की भी गारंटी है।
8. राफेल में अभी जो मिसाइलें लगी हैं, वो सीरिया, लीबिया जैसी जगहों में इस्तेमाल हो चुकी हैं। इसके अलावा जल्द ही स्पाइस 2000 को भी इसमें जोड़ा जाएगा।
9. राफेल में तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल।
10. राफेल लड़ाकू विमान का कांबेट रेडियस 3700 किलोमीटर है, साथ ही ये दो इंजन वाला विमान है, जिसकी भारतीय वायुसेना को दरकार थी।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया ट्वीट
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उपचाराधीन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर कहा कि देशवासियों के लिए आज गर्व का पल है। राफेल के भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होने पर सभी को बधाई। राफेल विमान भारतीय वायु सीमा की सशक्त निगरानी तथा वायुसेना को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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