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ह्यूमन ट्रैफिकिग में एफआइआर दर्ज की तैयारी

अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर रेस्क्यू किए गए बच्चों की काउंसिलिग के बाद चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ऐसे बच्चों को पंजाब की कुछ कंपनियां अपनी फैक्ट्रियों में बाल मजदूरी करवाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:30 AM (IST)
ह्यूमन ट्रैफिकिग में एफआइआर दर्ज की तैयारी
ह्यूमन ट्रैफिकिग में एफआइआर दर्ज की तैयारी

जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर रेस्क्यू किए गए बच्चों की काउंसिलिग के बाद चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ऐसे बच्चों को पंजाब की कुछ कंपनियां अपनी फैक्ट्रियों में बाल मजदूरी करवाते हैं। इसके एवज में इन मजदूरों को कुछ हजार रुपये दिए जाते हैं। बताया जा रहा है कि इन बच्चों की काउंसिलिग के बाद कंपनियों पर एफआइआर दर्ज हो सकती है। उल्लेखनीय है कि रेस्क्यू किए गए बच्चों में से कइयों को उनके स्वजनों के हवाले कर दिया गया है। स्वजनों ने भी आश्वासन दिया है कि वे अपने बच्चों से मजदूरी नहीं करवाएंगे।

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बता दें कि बिहार और पश्चिम बंगाल के 27 किशोर को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर रेसक्यू कराते हुए पंजाब में मानव तस्करी का बड़ा भंडाफोड़ हुआ था। रेसक्यू करके बाल श्रम करने से बचाए गए किशोर ने काउंसिलिग में बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वह खर्च निकालने के लिए श्रमिक के रूप में पंजाब के लुधियाना जा रहे थे। लुधियाना के लिए वह अपने जानकारी के परिचित (मैन पावर सप्लाई का एजेंट) के साथ सवार हुए। ट्रेन की टिकट व रास्ते का खर्च एजेंट ने उठाया था। काउंसिलिग के दौरान कुछ किशोर ने बताया कि लाकडाउन की वजह से बंद स्कूल और ऊपर से घर का खर्च, ऐसे में वह परदेश जाकर परिश्रम करके कुछ रुपए जुटाने के लिए निकले थे, लेकिन मंजिल से पहले ही वह अंबाला छावनी के ओपन सेंटर होम पहुंच गए। काउंसिलिग के दौरान जब टीम ने किशोरों को अलग अलग करके बात की तो कई ऐसी बातें सामने आई, जिसकी कानून इजाजत नहीं देता। अब काउंसिलिग रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। रिपोर्ट पर बाल कल्याण परिषद की टीम ने अध्यनन करने के बाद डीसी के समक्ष रखेगी। इसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।


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