प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का जवाब- केस यूटिलिटी कोर्ट में अलाई नहीं करता
कूड़ा जलाकर प्रदूषण फैलाने के मामले में छावनी नगर परिषद को छोड़कर सभी पक्षों के रिप्लाई आ चुके हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कूड़ा जलाकर प्रदूषण फैलाने के मामले में छावनी नगर परिषद को छोड़कर सभी पक्षों के रिप्लाई आ चुके हैं। जिसमें प्रदूषण बोर्ड ने तो यहां तक रिप्लाई दे दिया कि यह मामला यूटिलिटी कोर्ट में चल ही नहीं सकता। रिप्लाई में एक्ट की प्रोविजन भी दिखायी। लेकिन वकीलों ने इस दौरान इसे गैर जिम्मेदार बताया। हालांकि अगली तारीख पर रिप्लाई पर बहस होगी।
बता दें कि शहर के वकीलों ने शहर में कूड़ा जलाकर प्रदूषण फैैलाने के मामले को यूटिलिटी कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके चलते मंगलवार को अदालत में बार एसोसिएशन प्रधान रोहित जैन, जबर चौधरी, विजय धीमान, राजेश शर्मा, नरेंद्र सांगवान, इंद्रजीत गिल, सुधीर सहगल, शुभम और नेहा अरोड़ा यूटिलिटी कोर्ट में पहुंचे। मामले में कंटोनमेंट बोर्ड, प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड, नगर निगम शहर, नगर परिषद छावनी और जिला प्रशासन को पार्टी बनाया गया था। इनमें से छावनी नप के अलावा सभी पक्षों का जवाब आ चुका है। छावनी नप का रिप्लाई आना बाकी है।
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-इंवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में नहीं पूरी प्रोविजन
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से यूटिलिटी कोर्ट में रिप्लाई दिया गया है। जिसमें कहा कि यह अर्जी वाटर, एयर के प्रोविजन हैं, जो यूटिलिटी कोर्ट में अलाई नहीं करती। उन्होंने बताया कि इंवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में भी लोकअदालत की पूरी प्रोविजन नहीं बतायी गई।
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-जिम्मेदारी से भाग रहे अधिकारी
वकीलों ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केस को ही खत्म करना चाहता है। इस कारण अपनी जिम्मेदारी से भागने भाग रहे हैं। यह केस पब्लिक यूटिलिटी में अलाई करता है। वह अगली तारीख पर रिप्लाई पर बहस करेंगे।