हाथापाई की छिपाई वारदात, कर्मचारियों को रात में मिली जमानत
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के दौरान रोडवेज डिपो अंबाला शहर पर यूनियन नेताओं व ट्रे¨नग स्कूल के प्रशिक्षक के बीच हुई हाथापाई पर पुलिस ने पर्दा डाल दिया है। आइपीएस की धारा में मुकदमा दर्ज करने के बजाय, शांति भंग में केस निपटा दिया। डिपो से बस निकाल रहे ट्रे¨नग स्कूल के प्रशिक्षक ने अपने साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर चार यूनियन नेताओं के खिलाफ लिखित शिकायत की थी।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के दौरान रोडवेज डिपो अंबाला शहर पर यूनियन नेताओं व ट्रे¨नग स्कूल के प्रशिक्षक के बीच हुई हाथापाई पर पुलिस ने पर्दा डाल दिया है। आइपीएस की धारा में मुकदमा दर्ज करने के बजाय, शांति भंग में केस निपटा दिया। डिपो से बस निकाल रहे ट्रे¨नग स्कूल के प्रशिक्षक ने अपने साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर चार यूनियन नेताओं के खिलाफ लिखित शिकायत की थी। इस मामले में पुलिस ने यूनियन नेताओं को मौके से हिरासत में तो लिया लेकिन रात में शांति भंग करने का कलंदरा बनाते हुए सभी को एसडीएम के समक्ष पेश किया। जहां से उन्हें जमानत मिल गई। इस मामले में हड़ताली कर्मियों की उस धमकी ने भी काम किया जिसमें पुलिस प्रशासन को चेताया था कि अगर कर्मियों को शाम को नहीं छोड़ा गया तो फिर वह बुधवार को सामूहिक गिरफ्तारी देंगे। बुधवार को यूनियन नेताओं ने एक बार फिर हड़ताल की कमान संभाल ली।
ट्रे¨नग स्कूल में प्रशिक्षक के तौर पर कार्यरत रवींद्र बाली ने पुलिस व महाप्रबंधक को दी शिकायत में कहा था कि उसे शहर डिपो से छावनी बस स्टैंड पर बस छोड़ने के आदेश मिले थे। जब वह बस लेकर जाने लगा तो हड़ताली कर्मचारी रमेश श्योकंद, महावीर पाई, इंद्र ¨सह बधाना व सुरेश ने मिलकर उस पर हमला किया। इस हमले में उसका चश्मा भी टूट गया व हाथ पर चोट आई। कर्मियों ने गाली गलौज की। पुलिस व मीडिया के बीच में आने से उसका बचाव हुआ।
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कर्मचारी ने मेडिकल कराने से कर दिया था इंकार
- बस निकालते समय हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के डिपो प्रधान रमेश श्योकंद, महावीर पाई आदि से हुई हाथापाई के बाद पुलिस ने प्रशिक्षक रवींद्र बाली को मेडिकल कराने की पेशकश भी की थी। हालांकि, उस समय प्रशिक्षक ने किसी प्रकार की चोट न होने से इंकार कर दिया था। जबकि बाद में जीएम के माध्यम से पुलिस को सौंपी शिकायत में हाथ पर चोट लगने की कही। कहीं न कहीं पुलिस भी इस मामले में यूनियन नेताओं पर दबाव बनाने की कोशिश में थी।