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पहल: शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश की होगी टैगिग

सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश से लेकर गोशालाओं में रहने वाली गायों की टैगिग किए जाने की योजना है। इसके अगले चरण में अभियान चलाकर डेयरी में पल रहे गोवंश की भी टैगिग की जाएगी। तत्पश्चात शहर से लेकर ग्रामीणांचल में गोवंश पालकों के घर भी पशु चिकित्सा महकमे की टीम पहुंच कर टैगिग कराने की योजना को अमल में लाया जाएगा। टैगिग शुरू करने से पहले पशु चिकित्सा विभाग की टीम का गठन किया जाएगा। इसके लिए पशु चिकित्सा विभाग की तरफ से जल्द ही काम शुरू करेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 08:30 AM (IST)
पहल: शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश की होगी टैगिग
पहल: शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश की होगी टैगिग

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर:

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सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश से लेकर गोशालाओं में रहने वाली गायों की टैगिग किए जाने की योजना है। इसके अगले चरण में अभियान चलाकर डेयरी में पल रहे गोवंश की भी टैगिग की जाएगी। तत्पश्चात शहर से लेकर ग्रामीणांचल में गोवंश पालकों के घर भी पशु चिकित्सा महकमे की टीम पहुंच कर टैगिग कराने की योजना को अमल में लाया जाएगा। टैगिग शुरू करने से पहले पशु चिकित्सा विभाग की टीम का गठन किया जाएगा। इसके लिए पशु चिकित्सा विभाग की तरफ से जल्द ही काम शुरू करेगा।

योजना के तहत अंबाला के स्पाटू रोड गोशाला, पुरानी घास मंडी, सुल्लर गांव, खतौली, मोखा माजरा, टंगरैली और रामबाग सहित नौ गोशालाओं में रहने वाले गोवंश की टैगिग की जाएगी। जिन गोवंश की पहले टैगिग हो चुकी है उसका भी रिकॉर्ड पशु चिकित्सा विभाग के पास होगा। अब तक आंकड़ों के मुताबिक सुल्लर गोशाला में 400, स्पाटू रोड गोशाला में 700, पुरानी घास मंडी गोशाला में 690, खतौली गोशाला में 120, मोखा माजरा गोशाला में 300, टंगरैल में 400 और रामबाग अंबाला छावनी में करीब चार सौ गोवंश रखे गए हैं। इसमें सबसे पहले छूटे हुए गोवंश का टैगिग किया जाएगा। इसके बाद जिले की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश और उसके बाद डेयरी और गाय पालकों के घर पहुंचकर टैगिग करने की योजना है।

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गोवंश को लेकर सरकार संजीदा

सरकार गोवंश की सुरक्षा को लेकर काफी संजीदा है। इसके लिए गो-सेवा आयोग बनाया गया है। गोसेवा आयोग के अध्यक्ष से लेकर सदस्य गोवंश की मौजूदा स्थिति को लेकर सरकार और प्रशासन से विचार विमर्श करते हैं। जहां कहीं भी गोवंश के उत्थान की आवश्यकता होती है तो तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इसके क्रम में सड़कों में घूमने वाले बेसहारा गोवंश के रखरखाव और खानपान की समुचित व्यवस्था करने के लिए गोशालाओं में शिफ्ट कराया जा रहा है।

राजेंद्र बंसल, सदस्य गो-सेवा आयोग अंबाला।

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निगम ने गोवंश को पकड़ने का दिया ठेका

शहर की सड़कों पर गोवंश को बेसहारा हालत में देखे जाने पर उसे पकड़कर गोशाला में शिफ्ट करने के लिए नगर निगम अंबाला शहर ने ठेका दे रखा है। इसके लिए प्रत्येक गोवंश पकड़कर सुरक्षित गोशाला तक पहुंचाने के लिए 1051 रुपए का भुगतान भी करता है। नगर निगम ने तीन महीने के भीतर 210 गोवंश को पकड़कर गोशालाओं में शिफ्ट कराया है।

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वर्जन

गोवंश की टैगिग कराए जाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से शहर से लेकर ग्रामीणांचल में गोवंश का टैगिग कराया जाना है। टैगिग कार्य को पूरा करने के लिए पशु पालन विभाग की तरफ से टीम का भी गठन किया जाना है। टीम का गठन करने के बाद टैगिग का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

डॉ. प्रेम सिंह, डिप्टी डीडीए, पशु पालन अंबाला।


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