बलदेव नगर में धमाके से टूटी लोगों की नींद, घरों की छत और दीवारों में आई दरारें
समय था सुबह सात बजे का। अचानक धड़ाम से जोरदार धमाका हुआ और गहरी नींद में सोए लोगों की आंखें खुल गई। अंबाला एयर फोर्स से उड़े जगुआर से पक्षी टकराने के बाद फ्यूल टैंक और प्रेक्टिस बम गिरे और जबरदस्त धमाका हुआ।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : समय था सुबह सात बजे का। अचानक
धड़ाम से जोरदार धमाका हुआ और गहरी नींद में सोए लोगों की आंखें खुल गई। अंबाला एयर फोर्स से उड़े जगुआर से पक्षी टकराने के बाद फ्यूल टैंक और प्रेक्टिस बम गिरे और जबरदस्त धमाका हुआ। किसी को यह समझ नहीं आया कि आखिर यह धमाका किस चीज का है। कुछ को लगा किसी मकान की छत गिर गई तो किसी ने भूकंप का तेज झटका समझा। मसलन सभी लोग अपने घरों से बाहर की ओर भागे। बलदेव नगर में गांधी मैदान से सटी कालोनी में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। दरअसल एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरने के बाद लड़ाकू विमान जगुआर से एक पक्षी टकरा गया। लिहाजा पायलेट को जहाज सुरक्षित लैंड करने के लिए फ्यूल टैंक और प्रेक्टिस बम गिराने पड़े। जिस जगह पर बम गिरे उसके साथ ही एयरफोर्स स्टेशन सटा है। यही कारण है कि बलदेव नगर गांधी मैदान से सटी कालोनी में हड़कंप मच गया।
एयरफोर्स अधिकारियों ने करवाई घोषणा
सुबह करीब साढ़े 8 बजे घटनास्थल से सटी कालोनी में पहुंचकर वायुसेना के अधिकारियों ने उन लोगों से पूछताछ की जिनके घरों पर जगुआर से निकला मलबा गिरा था। इतना ही नहीं अधिकारियों ने मौके पर माइक से घोषणा भी करवाई कि यदि किसी भी व्यक्ति के घर किसी भी तरह का मलबा गिरा है तो वह हमें सूचना दें।
चार माह में तीसरी घटना, दूसरी बार जगुआर ने गिराए फ्यूल टैंक
अंबाला की बात करें तो जगुआर से फ्यूल टैंक गिराने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 24 अप्रैल को एयरफोर्स स्टेशन से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित गांव रौलों में तड़के करीब साढ़े चार बजे एयरफोर्स के लड़ाकू विमान जगुआर के पायलट ने दो ड्रॉप टैंक (ईंधन टैंक) गिरा दिए। ड्रॉप टैंक गांव रौलों स्थित खेतों में एक घर से करीब दस मीटर की दूरी पर गिरे। मकान मालिक को जोरदार आवाज सुनाई दी, जिसके बाद परिवार के सभी सदस्य बाहर की ओर दौड़े। इसी बीच मिसाइल के आकार में दिखने वाले ड्रॉप टैंक या फ्यूल को देख वह हैरान रह गए। वहीं इससे पहले 25 मार्च को लड़ाकू विमान साउंड बैरियर तोड़कर सोनिक बूम उत्पन्न कर हड़कंप मचा दी थी।
25 मार्च को भी सहम गए थे बलदेव नगर वासी
अंबाला एयरबेस से लड़ाकू विमानों ने अभ्यास के लिए 25 मार्च को रूटीन उड़ान भरी। सुबह करीब 11 बजकर 16 मिनट पर अंबाला में जोरदार धमाका हुआ, जिससे क्षेत्र के लोग सहम गए। इसके उपरांत दोपहर तक लगातार एक के बाद एक विमान आसमान में मंडराते रहे। दरअसल उस दौरान विमानों ने साउंड बैरियर को तोड़ सॉनिक बूम उत्पन्न किया था। सॉनिक बूम से धमाका इतना जोरदार था कि कई किलोमीटर तक घरों एवं भवनों की खिड़कियां हिल गईं। घबराए लोग घरों से बाहर निकल आए। कई लोगों ने सोचा की एयरफोर्स स्टेशन के भीतर विमानों के अभ्यास के दौरान कोई धमाका हुआ है।
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सुबह करीब साढ़े सात बजे थे। मैं नहा धोकर पूजा पाठ करने की तैयारी में था। इसी दौरान जोरदार धमका हुआ और मेरे कूलर पर आकर कोई चीज लगी। इससे मैं डर गया। बाहर निकलकर देखा तो कोई बम जैसी चीज नाली में पड़ी थी। इसे देख मेरे होश उड़ गए और मैं घर से बाहर की तरफ भागा। बाहर जाकर देखा तो धुआं उठ रहा था। इतनी ही देर में आसपास के लोग भी एकजुट हो गए। इसीलिए अफरा-तफरी का माहौल फैल गया।
बलबीर कुमार।
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सुबह का समय था। मेरा बेटा सो रहा था। जैसे ही धमाका सुना बेटे की आंख खुल गई। बाहर निकलकर देखा तो चारों और लोग दौड़ रहे थे। हमारे घरों की दीवारें तक एक बार पूरी तरह से हिल गई थी। कुछ समय बात पुलिस और वायुसेना के अधिकारी मौके पर थे। उन्होंने आकर पूरे एरिया को घेर लिया।
प्रकाश रानी।
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जिस समय यह घटना हुई उस वक्त पूरे एरिया में हड़कंप मच गया। हम सभी यह देखने के लिए दौड़ पड़े कि यह धमाका किस बात का हुआ। यह तो शुक्र है कि पायलेट की सूझ-बूझ से बड़ा हादसा टल गया। जिस हिसाब से जहाज के कुछ पार्ट तारों में फंसा है यदि किसी घर के ऊपर यह गिर जाता तो लोगों का बचना मुश्किल था।
रिषभ।