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एंकर.. तीन माह से पेंशन को तरसे एडिड स्कूलों के पेंशनर

अनुदान प्राप्त स्कूल से सेवानिवृत्त अध्यापक और मुख्य अध्यापकों को पिछले तीन माह (मई जून और जुलाई) से पेंशन ही नहीं मिली है। पेंशन लेने के लिए ये अध्यापक जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में चक्कर लगाकर भी थक चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 02:19 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:18 AM (IST)
एंकर.. तीन माह से पेंशन को तरसे एडिड स्कूलों के पेंशनर
एंकर.. तीन माह से पेंशन को तरसे एडिड स्कूलों के पेंशनर

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अनुदान प्राप्त स्कूल से सेवानिवृत्त अध्यापक और मुख्य अध्यापकों को पिछले तीन माह (मई, जून और जुलाई) से पेंशन ही नहीं मिली है। पेंशन लेने के लिए ये अध्यापक जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में चक्कर लगाकर भी थक चुके हैं। वहां भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। मजबूर होकर सेवानिवृत्त शिक्षकों को सीएम विडो पर शिकायत करनी पड़ी, लेकिन यह शिकायत भी सीएम विडो पर ही अटक कर रह गई है।

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बता दें कि हाउसिग बोर्ड कॉलोनी अंबाला शहर के रहने वाले किशोर लाल कालड़ा ने सीएम विडो पर 7 जुलाई को शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि श्री एनडीएसडीआर हाई स्कूल सेगती में मुख्य अध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से उन्हें पेंशन मिलती है, लेकिन पिछले तीन महीने से पेंशन नहीं मिल रही। सेवानिवृत अध्यापक संघ के प्रधान कुंदन लाल ने बताया कि कई बार जिला शिक्षा अधिकारी अंबाला से पेंशन के बिल जल्दी भेजने एवं पेंशन जल्दी जारी करने बारे मिल चुके हैं, परन्तु हर बार जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से अध्यापकों को टाल दिया जाता है। जिला शिक्षा अधिकारी की रिटायरमेंट होनी थी, इस कारण वह लंबी छुट्टी चली गई थी। डीडीओ पावर किसी को नहीं दी थी। सभी पेंशन भोगी सेवानिवृत्त कर्मचारी वृद्ध हैं। कई तो बीमार भी हैं। बावजूद पेंशन पाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ---------- फोटो - 12

किशोर लाल कालड़ा ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी अंबाला के नहीं होने की स्थिति में किसी और अधिकारी के पास डीडीओ पावर जरूर होनी चाहिए। ताकि सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल से रिटायर्ड अध्यापकों, मुख्य-अध्यापकों एवं कर्मचारियों की पेंशन जल्द से जल्द मिल सके। पेंशनधारकों का खर्च पेंशन के सहारे ही होता है। -------- फोटो - 13

कुंदन लाल ने बताया कि जो अधिकारी देरी करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। 7 जुलाई को सीएम विंडो पर शिकायत दी थी, जो एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी से डायरेक्टर के पास पहुंची। जहां से पेंशन ब्रांच टू में भेजी गई। यहां से जवाब मिला कि यह मेरा मामला नहीं है। डायरेक्टर ने 14 को स्पष्टीकरण मांगा कि आपका यह मामला क्यों नहीं, इसके बाद से आगे से कोई कार्रवाई नहीं हुई।


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