पटवारी की जमानत याचिका रद, शिकायतकर्ता का आरोप- राजनीतिक दबाव में नहीं हो रही गिरफ्तारी
फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण, धोखाधड़ी के दो मामले में नामजद है पटवारी व अन्य चार आरोपित, शिकायतकर्ता पक्ष ने प्रेसवार्ता कर लगाए आरोप
जागरण संवाददाता, अंबाला: छावनी के बब्याल में फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण के दो मामलों में नामजद पटवारी राजेंद्र भारद्वाज की जमानत याचिका शुक्रवार को सेशन कोर्ट से रद हो गई है। वहीं, पटवारी के खिलाफ कोर्ट से जारी हुए गिरफ्तारी के वारंट पर लगी स्टे भी टूट गई है। कोर्ट से स्टे टूटने के बाद आरोपित पटवारी फिर से फरार हो गया है। रविवार को शिकायतकर्ता पक्ष ने प्रेसवार्ता की। आप के जिला उपाध्यक्ष गगनदीप ¨सह, शिकायतकर्ता राजबीर ¨सह व सतीश शर्मा ने जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा टीम पर राजनीतिक दबाव में पटवारी को गिरफ्तार नहीं करने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि बब्याल के राजबीर व सतीश शर्मा की शिकायत पर भतीजे गौरव अत्री, राजबीर ¨सह, राहुल, राजीव कुमार व पटवारी राजेंद्र भारद्वाज के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। पटवारी को छोड़ अन्य चारों आरोपित जमानत पर हैं जबकि राजेंद्र फरार है। जांच टीम ने पटवारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कराए लेकिन आरोपित ने कोर्ट से स्टे ले ली। स्टे के दौरान वह छावनी तहसील और पटवारखाने में चक्कर लगाता रहा। करीब 12 दिन राहत मिलने के बाद पटवारी को मिली स्टे कोर्ट से टूट गई। उधर, आरोपित ने पहले निचली कोर्ट में जमानत याचिका रद होने के बाद सेशन कोर्ट में लगाई हुई थी। शुक्रवार को पटवारी की जमानत याचिका रद हो गई। प्रेसवार्ता कर जांच टीम पर लगाए आरोप
रविवार को शिकायतकर्ता पक्ष ने प्रेसवार्ता कर आरोप लगाए कि पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा जांच टीम पर राजनीतिक दबाव है। इसी कारण जांच टीम आरोपित पटवारी राजेंद्र को गिरफ्तार नहीं कर रही है। आरोप लगाया कि एचआरए शाखा कर्मी भी इस खेल में शामिल हैं। एचआरआर ब्रांच से फर्जी रजिस्ट्रियों के मामले से संबंधित रिकॉर्ड की पूरी किताब भी गायब हो गई। मामले में कोई एफआइआर तक भी नहीं कराई गई। जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा
पटवारी राजेंद्र भारद्वाज ने गिरफ्तारी वारंट पर स्टे ले रखी थी लेकिन अब स्टे टूट गई है। आरोपित की जमानत याचिका भी हमने सेशन कोर्ट से रद कराई है। उसे गिरफ्तार नहीं करने के पीछे कोई राजनीतिक दबाव नहीं है। पटवारी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मो¨हद्र ¨सह, इंचार्ज, आर्थिक अपराध शाखा