अहंकार नष्ट करने के लिए वामन का अवतार लेते हैं प्रभु: सत्यात्मानंद
फोटो...59, 60 -परम सत्यधाम आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा जागरण संवाददाता, अंबाला शहर भगवान ने
फोटो...59, 60
-परम सत्यधाम आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर
भगवान ने जब जीव का अहंकार नष्ट करना होता है तब वे वामन से विराट रूप धारण करते हैं।
यह उद्गार महामंडलेश्वर सत्यात्मानंद ने व्यक्त किए। वह मनमोहन नगर स्थित परम सत्य धाम में श्रीबांके बिहारीजी के प्रकाशोत्सव पर श्रीमद्भागवत सप्ताह अमरकथा में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। प्रवचन करते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि राजाबलि अहंकारी है। आदमी का अहंकार उसके सिर पर रहता है। विद्यावली ने कहा प्रभु आप मेरे पति के सिर पर तीसरा पैर रख दो, परमात्मा ने अहंकारी का अहंकार खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता गांधी ने कहा था कि गो, गंगा, गीता जिस दिन सुरक्षित हो जाऐंगे, भारत देश विश्व गुरु की जगह पर पहुंच जाएगा। उन्होंने बड़ी नाराजगी में कहा कि यदि भारत में रहने वाले ¨हदुओं की मान्यताओं पर कुठाराघात न किया गया होता तो आज देवी देवता अपमानित नहीं होते। उन्होंने कहा कि सत्ता के लालची राजनेता तुष्टीकरण का खेल खेलते रहे, राच्य करते रहे और समाज बंटता गया। इसके चलते देश का सिर नीचे होता
गया। नेताओं को सत्य की ¨चता नहीं, सत्ता की ¨चता रही है। किन्हीं को इस देश में ही असहिष्णुता दिखती है। सभी वर्ग के लोग मिलकर रहें तो एक दूसरे की भावना का आदर करें और किसी के भावना के साथ खिलवाड़ न करें। इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।