संतान का सही लालन-पालन बड़ी चुनौती : पंडित विजय शंकर
बीपीएस प्लेनेटेरियम में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित विजय शंकर मेहता ने कर्म और संतान पर केंद्रित जीवन के सूत्रों का व्याख्या किया। उन्होंने कहा कि संतान का सही तरीके से लालन-पालन कर योग्य बनाना आज के दौर की सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए पहले माता-पिता को संस्कारित होना होगा।
जागरण संवाददाता, अंबाला : बीपीएस प्लेनेटेरियम में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित विजय शंकर मेहता ने कर्म और संतान पर केंद्रित जीवन के सूत्रों का व्याख्या किया। उन्होंने कहा कि संतान का सही तरीके से लालन-पालन कर योग्य बनाना आज के दौर की सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए पहले माता-पिता को संस्कारित होना होगा। आसपास से श्रद्धालुओं ने कथा परिसर में जमा होकर प्रवचन सुने। महाराज ने कहा कि गर्भा धारण के समय से लेकर प्रसव काल तक स्त्रियों के भीतर जो भी चल रहा होगा, उसका सीधा प्रभाव संतान पर पड़ता है। संतान की उत्पत्ति तथा उनके पालन में सदैव होश में रहिए। अपने आपको, बच्चों को किस प्रकार योग्य बनाएं यह भरत के चरित्र से सीख सकते हैं। कितने ही बुद्धिमान हो जाएं, जड़भरत बने रहना चाहिए। प्रहलाद चरित्र का वर्णन करते हुए कहा परमात्मा के प्रति आसक्ति मनुष्य को सारे संकटों से मुक्त रख महान बना सकती है। इस मौके पर बनारसी दास गुप्ता परिवार के इलावा संयोजक सीए सुभाष गोयल, अनिल गुप्ता, सुरेंद्र गर्ग, सुशील मित्तल, अजय गुप्ता, एससी गोयल, पवन गोयल, आदित्य गोयल, अजय अग्रवाल, यतिन आदि मौजूद रहे।