पंजाब के धान ने बिगाड़े मंडी के हालात
पंजाब के धान ने अंबाला शहर स्थित नई अनाज मंडी के हालात बिगाड़ कर रख दिए हैं। अब तक अनाज मंडी में 22 लाख क्विटल धान की आवक का आंकड़ा पार हो चुका है। जिले के किसानों को मंडी में धान गिराना तो दूर बल्कि पांव रखने को जगह नहीं मिल रही है। इसी कारण अकेले शहर में ही पांच जगहों पर धान डाला जा रहा है।
अवतार चहल, अंबाला शहर
पंजाब के धान ने अंबाला शहर स्थित नई अनाज मंडी के हालात बिगाड़ कर रख दिए हैं। अब तक अनाज मंडी में 22 लाख क्विटल धान की आवक का आंकड़ा पार हो चुका है। जिले के किसानों को मंडी में धान गिराना तो दूर, बल्कि पांव रखने को जगह नहीं मिल रही है। इसी कारण अकेले शहर में ही पांच जगहों पर धान डाला जा रहा है। पंजाब से बेहद धान की आवक होने का शैलर संचालक फायदा उठा रहे हैं। किसानों पर नमी के नाम पर कट की मार पड़ रही है।
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नमी के नाम पर कट की मार
मंडी में धान की बेहद आवक होने के कारण किसानों के साथ मनमानी का खेल खेला जा रहा है। किसानों की मानें तो 17 प्रतिशत धान तक कट नहीं लगाया जा सकता, लेकिन उसके बावजूद 75 रुपये से लेकर 150 रुपये तक का प्रति क्विटल पर कट लगाया जा रहा है। यदि कोई किसान कट से मना कर देता है तो उस किसान की धान मंडी में नमी बताकर खरीदने से मना कर दिया जाता है। किसान की इसी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाया जा रहा है।
होशियारपुर तक से भी पहुंच रहा है धान
जिले को पंजाब की सीमा लगती है। इस कारण उन्हें अंबाला शहर अनाज मंडी नजदीक लगती है और इस कारण वह अंबाला शहर मंडी में पहुंचते हैं। लेकिन हद तो तब हो रही है जब पंजाब के होशियारपुर से भी अंबाला में धान बिकने के लिए पहुंच रही है। इसी धान ने जिले के किसानों के सामने संकट खड़ा कर दिया है।
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22 लाख क्विंटल की आवक से पांच जगह डाला जा रहा धान
शहर अनाज मंडी में अब तक करीब 22 लाख क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। इस कारण शहर मंडी के अलावा घास मंडी, सिघावाला, हुडा ग्राउंड और मटेड़ी में धान डाला जा रहा है। हालांकि अनाज मंडी से करीब 16 लाख क्विंटल धान का उठान भी हो चुका है। फिलहाल अनाज मंडी में करीब 6 लाख क्विंटल धान पड़ा है।
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जनेतपुर के गुरविद्र सिंह ने बताया कि इस समय अनाज मंडी में बुरा हाल हो गया है। पंजाब से भारी मात्रा में धान पहुंच गया है। इस कारण जिले के किसानों के धान की बेकद्री हो रही है। जबकि प्राथमिकता जिले के किसानों को दी जानी चाहिए, लेकिन यहां पर पंजाब के धान को तवज्जो दी जा रही है।
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ज्यौली के राजकुमार ने बताया कि धान का सरकारी भाव 1835 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन किसानों का धान इस समय मंडी में 1700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। सूखे धान को भी नमी बताकर किसानों को चपत लगायी जा रही है। जबकि कागजों में पूरी पेमेंट का जे फार्म बनता है, लेकिन किसान को कट के बाद राशि मिलेगी।
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जोनी ने बताया कि मंडी में काफी अधिक धान आ चुका है। या यूं कहे कि मंडी धान से अट गई है। इस समय ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर आना तो दूर अगर एक बार मोटरसाइकिल पर भी मंडी में घुस जाओ तो बाहर निकलना आसान नहीं है। यदि उठान में तेजी आयी तो किसानों को परेशानी न उठानी पड़े।
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पवन कुमार ने बताया कि मंडी से कबाड़ अच्छे तरीके से नहीं उठा रहा है। यदि कबाड़ भी उठता रहे उससे भी काफी राहत मिल सकती है। मंडी की सफाई अब होनी चाहिए। बाद में सफाई करने से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। दूसरा किसानों के साथ नमी के नाम पर नाजायज तौर पर कट लगाये जा रहे हैं।
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-मंडी में पंजाब से ज्यादा मात्रा में धान पहुंचने से हालात बिगड़े हैं। इस कारण जिले के किसानों को धान बेचने में मुश्किल हो रही है। शैलर संचालक भी किसानों की धान पर ज्यादा कट लगा रहे हैं।
भारत भूषण अग्रवाल, वाइस चेयरमैन, मार्केट कमेटी, अंबाला शहर