आउटसोर्सिंग चालकों के समर्थन के दावों की निकली हवा, अस्पताल परिसर से बाहर किए एनएचएम कर्मी
एनएचएम की हड़ताल को आउटसोर्सिंग के तहत नए रखे चालकों से समर्थन मिलने के दावे खोखले निकले। रेफरल ट्रांसपोर्ट सेवा के लगभग बेपटरी हो जाने के बाद रखे इन चालकों के चलते मंगलवार शाम करीब सात बजे तक एंबुलेंस ने करीब 11 फेर लगाए तो सोमवार को यह संख्या 1
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : एनएचएम की हड़ताल को आउटसोर्सिंग के तहत नए रखे चालकों से समर्थन मिलने के दावे खोखले निकले। रेफरल ट्रांसपोर्ट सेवा के लगभग बेपटरी हो जाने के बाद रखे इन चालकों के चलते मंगलवार शाम करीब सात बजे तक एंबुलेंस ने करीब 11 फेर लगाए तो सोमवार को यह संख्या 18 रही। जबकि इससे पहले सोमवार को हड़ताल पर चल रहे एनएचएम कर्मचारी संघ ने इन कर्मियों के समर्थन का दावा किया था। बड़ी बात है कि आउटसोर्सिंग के तहत रखा कोई कर्मचारी संघ के बैनर तले नजर नहीं आया और न ही संघ के प्रवक्ता ऐसा कोई नाम बता पाए जो कि उनके समर्थन में आया हो। वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी के पत्र का हवाला देते हुए सोमवार को हड़ताली कर्मियों को अस्पताल परिसर खाली करने संबंधी नोटिस का असर देखने को मिला। मंगलवार दोपहर बाद कर्मचारी अस्पताल परिसर से पॉलीटेक्निक चौक से सटी हुडा ग्रीन बेल्ट में शिफ्ट हो गए। अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रधान को पत्र जारी कर अस्पताल परिसर से 500 मीटर दूर धरना देने अथवा कानूनी कार्रवाई भुगतने बारे चेताया था। संबंधित पत्र की एक प्रति एसएचओ बलदेव नगर को भी प्रेषित की गई थी। वहीं, हड़ताल को सर्व कर्मचारी संघ ने एक बार फिर अपना समर्थन व्यक्त करते हुए धरना स्थल पर पहुंच हौसला बढ़ाया।
एनएचएम कर्मियों की इस हड़ताल के चलते सबसे ज्यादा मुसीबत एंबुलेंस को खड़ी हो गई थी। प्रसूति व सड़क दुर्घटना के मामले में भी एंबुलेंस मुहैया नहीं हो पा रही थी। हालांकि, अब 18 एंबुलेंस चालकों को आउटसोर्सिंग के तहत रखे जाने से गाड़ी पटरी पर लौटने की उम्मीद बंधी है। जिसका असर पिछले दो दिनों से दिखाई भी देने लगा है। वहीं, अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रेगुलर स्टाफ को तैनात किए जाने बारे एनएचएम की एमडी पहले ही दिशा निर्देश जारी कर चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री पर बरसे कर्मचारी
एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान तरणदीप ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कर्मियों की हड़ताल को नाजायज बता रहे हैं लेकिन कर्मियों का जो शोषण हो रहा है वह कहां तक जायज है। जबकि कर्मियों को छह-छह माह तक वेतन नहीं मिलता। महिला कर्मियों को प्रसूति अवकाश तक नहीं दिया जाता। सचिव ह¨रद्र ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री नई भर्तियों की बात कर रहे हैं जबकि साढ़े चार साल से कोई भर्ती नहीं की गई। जो चालक आउटसोर्सिंग पर रखे हैं वह दुर्घटना के मामले में घायल को मेडिकल कॉलेज सेक्टर-32 चंडीगढ़ ले जाने के बजाय पीजीआई गेट पर छोड़ आए। उप प्रधान अनीता ने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं को समझे।