63 करोड़ के अस्पताल निर्माण की खुली पोल, बेसमेंट की दीवार से हो रहा पानी का रिसाव
हरीश कोचर, अंबाला करीब 63 करोड़ रुपये से छावनी के नागरिक अस्पताल की बि¨ल्डग को बना
हरीश कोचर, अंबाला
करीब 63 करोड़ रुपये से छावनी के नागरिक अस्पताल की बि¨ल्डग को बनाए अभी दो साल भी नहीं हुए कि बारिश ने इसकी पोल खोल दी है। अस्पताल के चार मंजिला आइपीडी ब्लॉक में नींव तैयार करने के दौरान बेसमेंट में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया है। इसका खुलासा बेसमेंट की दीवारें कर रही हैं। आइपीडी ब्लॉक की बेसमेंट में एक तरफ की लंबी दीवार से नल की तरह बारिश का पानी रिस कर बाहर निकल रहा है। हालात यह हैं कि बेसमेंट में करीब 60 फुट लंबे हॉल में दीवारों से रिस कर निकला पानी आए दिन फर्श पर जमा हो रहा है। इससे कमरे का फर्श तक दबने लगा है। पानी जमा होते ही चतुर्थ कर्मी झाडू से पानी को बाहर निकालते हैं।
दरअसल वर्ष 2015 में छावनी के नागरिक अस्पताल की पुरानी बि¨ल्डग की जगह नया बनाने का काम शुरू किया गया था। वर्ष 2016 में नए साल पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ओपीडी ब्लॉक का उदघाटन किया था। इसी के साथ इमरजेंसी व चार मंजिला आइपीडी ब्लॉक तैयार किया गया। करीब एक साल पहले आइपीडी ब्लॉक को भी स्वास्थ्य विभाग ने बिना उद्घाटन के ही शुरू कर दिया था। लेकिन अब इसके निर्माण में की गई खामियों की पोल खुलने लग गई है।
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बेसमेंट की दीवार से रिस रहा पानी
अस्पताल का काम पूरा होने के बाद आइपीडी ब्लॉक की बेसमेंट में हॉल कमरे की मुख्य दीवार से कई दिनों से पानी रिस रहा है। बारिश बंद होने पर पानी का रिसाव कम हो जाता है। मंगलवार भी रिसाव के कारण पूरे कमरे में पानी जमा हो गया। चार चतुर्थ कर्मियों ने बाल्टियां भरकर बाहर निकाला।
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पुरानी चहारदीवारी तोड़े बिना कर दिया निर्माण
अस्पताल में आइपीडी ब्लॉक के पीछे की तरफ लंबे समय से एक पुरानी चहारदीवारी थी। अस्पताल का निर्माण करने वाली कंपनी के कर्मियों ने इस दीवार को तोड़े बिना इस पर नया प्लस्तर कर दिया। दैनिक जागरण ने भी निर्माण के दौरान इसका खुलासा किया था। बावजूद इसके पीडब्ल्यूडी के लापरवाह अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कहीं न कहीं यहां अफसरों की मिलीभगत से पुरानी दीवार को नया रूप दिया है। पुरानी चहारदीवार की खुदाई करवाकर चेक करवाया जाए तो इसकी पोल खुद-ब-खुद अपने आप खुल जाएगी।
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स्वास्थ्य मंत्री सैंपल भरवाए तो खुल सकती है गड़बड़ी की पोल
अस्पताल के निर्माण में खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हफ्ते में दो से तीन बार यहां चेक करने के लिए आते थे। लेकिन इसके बावजूद निर्माण कंपनी ने बेसमेंट तैयार करते समय गड़बड़झाला किया। अब तो इस गड़बड़झाले को खुद स्वास्थ्य मंत्री ही चेक करवा सकते हैं। जिस जगह से पानी का रिसाव हो रहा है, अगर वहां इंजीनियरों से सैंपल लेकर चेक करवाया जाए तो गड़बड़ी की पोल खुल सकती है।
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फोटो 13
अधिकारी ने काट दिया फोन
इस बारे में पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सइएन डीडी कंबोज को दो बार फोन करके पूरे मामले से अवगत करवाया गया। लेकिन मामला पूछे जाने के बाद उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब देने के बजाए फोन ही काट दिया।