रामलीला क्लब के सदस्यों को करना था रावण का पुतला दहन, पहुंचे ढाई हजार लोग
अंबाला शहर के रामबाग शिव मंदिर के ग्राउंड में रामलीला क्लब की ओर से रविवार को रावण के पुतले का दहन किया गया।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अंबाला शहर के रामबाग शिव मंदिर के ग्राउंड में रामलीला क्लब की ओर से रविवार को रावण के पुतले का दहन किया गया। पुतला दहन करने की अनुमति केवल क्लब के सदस्यों को दी गई थी, लेकिन कार्यक्रम को देखने के लिए करीब ढाई हजार की संख्या में लोग पहुंच गए। भीड़ ऐसी जुटी कि संभालना मुश्किल हो रहा था। पुलिस को गेट तक बंद करने पड़े। लेकिन लोग भी मानने वाले नहीं थे। कोई दीवार फांदकर ग्राउंड में प्रवेश कर रहा था तो कोई मंदिर की छत से नीचे कूद रहा था। इस दौरान कुछ लोगों को चोटें भी आई।
दूसरी ओर सायं साढ़े पांच बजे के बाद रावण का पुतला दहन करना था, लेकिन मुख्य अतिथि शहर विधायक असीम गोयल डेढ़ घंटे विलंब से मौके पर पहुंचे। विधायक के देर से पहुंचने के कारण भी ग्राउंड में भीड़ जुटती गई। प्रशासन ने पांच बजे के बाद क्लब के सदस्यों को छोड़ अन्य सभी लोगों को ग्राउंड के बाहर निकाल देने का आदेश दिया था, लेकिन भीड़ के कारण ऐसा नहीं हो सका।
चार बजे से ही जुटने लगी थी भीड़
रामबाग में चार बजे ही लोग पहुंचने लगे थे, जिसमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहे। यहां तक कि लोगों ने कोरोना महामारी को लेकर भी कोई बचाव नहीं किया हुआ था। कुछ लोगों को छोड़कर किसी ने मुंह पर मास्क नहीं लगाया हुआ था। लोगों मंदिर तक की छत पर चढ़ गए। इस दौरान एक बुजुर्ग दीवार पर चढ़ते हुए गिर गया। रामलीला की क्लब की ओर से रावण का दहन सूर्य अस्त पर किया जाना था, लेकिन विधायक असीम गोयल इंको चौक पर उद्घाटन में व्यस्त हो गए। जहां पर उनका जन्म दिन मनाया गया। सूर्य अस्त 5 बजकर 38 मिनट पर हो गया और विधायक करीबन सात बजे रावण दहन करने पहुंचे। जबकि लोग रावण दहन में देरी को लेकर आपत्ति जताने लगे।
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-पुतला दहन का लाइव दिखाया जाना था
रामबाग स्थित रावण दहन के दौरान ग्राउंड को खाली किया जाना था, जिसमें पांच बजे के बाद सिर्फ रामलीला क्लब के सदस्यों को ही दहन करने की अनुमति दी गई थी। लोगों को पुतले जलाए जाने का सिर्फ लाइव दिखाया जाना था, लेकिन रावण दहन में देरी होने के कारण भीड़ जुट गई।
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-रावण दहन के बाद भगाए लोग
रावण दहन के बाद लोग रावण की लकड़ियां लेने को उतारू हो गए। रावण के पुतले की रस्सियां तक खींचने लगे। मामला गड़बड़ाता देख पुलिस ने सख्ती की और डंडे फटका कर लोगों को भगाया।
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स्थापित नहीं हो सकी मर्यादा
कोरोना महामारी को देखते हुए लोग मर्यादा स्थापित नहीं कर सके। भीड़ के कारण न तो शारीरिक दूरी का पालन किया और न ही अधिकांश लोगों ने मास्क लगा रखा था। पुतला दहन देखने आए कुछ लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि राम-लक्ष्मण के स्वरूप बने कलाकार मर्यादा पुरुषोत्तम राम की तरह मर्यादा स्थापित नहीं कर सके। अगर वे मास्क पहनकर आते तो समाज को एक संदेश जाता।