एक यूनिट ब्लड बचाएगा चार जान, 80 लाख में खरीदी दो ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीनें
करोड़ों की लागत से तैयार छावनी के नागरिक अस्पताल का ब्लड बैंक आधुनिक सुविधाओं से लैस हो गया है। ब्लड बैंक में कोई भी व्यक्ति यदि रक्तदान करता है तो उसके एक यूनिट खून से चार लोगों को जीवनदान मिलेगा। मरीजों की बेहतर सुविधा के लिए करीब
अंशु शर्मा, अंबाला: करोड़ों की लागत से तैयार छावनी के नागरिक अस्पताल का ब्लड बैंक आधुनिक सुविधाओं से लैस हो गया है। ब्लड बैंक में कोई भी व्यक्ति यदि रक्तदान करता है तो उसके एक यूनिट खून से चार लोगों को जीवनदान मिलेगा। मरीजों की बेहतर सुविधा के लिए करीब 80 लाख की लागत से ब्लड बैंक में दो ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीनों की खरीद की गई है। जल्द ही स्टाफ व संबंधित एलटी के आते ही मरीजों को इसका लाभ मिलने लगेगा। दिवाली से ठीक एक दिन पहले अस्पताल में मशीनों की सौगात मिली है। अस्पताल में इन मशीनों की खरीद का मामला लंबे समय से अधर में लटका पड़ा था। मजबूरन मरीजों को प्राइवेट लैब में जाकर जेब ढीली करनी पड़ती थी। दैनिक जागरण ने जब 30 अगस्त के समाचार पत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तो विभाग ने खरीद की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। यह मशीन डेंगू, बर्न केस, थैलेसीमिया व एड्स के मरीजों को राहत मिलेगी। मशीनें आने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से स्टाफ पूरा करने के अलावा लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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मशीन खून में शामिल तत्वों को करती है अलग
ब्लड कंपोनेंट मशीन खून में शामिल तत्वों को अलग-अलग कर देती है। पैथालाजी विशेषज्ञों के अनुसार थैलेसीमिया के मरीजों को आरबीसी, डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स, बर्न के मरीजों को प्लाजमा, एफएफपी व एड्स के मरीजों को डब्ल्यूबीसी की जरूरत पड़ती है। यह मशीन आरबीसी, श्वेत रक्त कणिकाएं, फ्रेश फ्रोजन प्लाजमा, एफएफपी, लाल रक्त कणिकाएं, डब्ल्यूबीसी, प्लेटलेट्स, प्लाजमा को अलग-अलग कर देता है। ऐसे स्थिति में मरीज को पूरी बोतल खून चढ़ाने के बजाए आवश्यक तत्व ही चढ़ाए जाते हैं। एक बोतल खून में से चार मरीजों की जिदगी बचाई जा सकती है।
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प्लेटलेट्स पांच दिन तक रखे जा सकेंगे सुरक्षित
नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक के साथ-साथ प्लाज्मा की सुरक्षा के लिए भी दो डीप फ्रिजर लगाए गए हैं। वहीं, प्लाज्मा को पिघलाने के लिए भी एक मशीन की व्यवस्था की गई है। ब्लड स्टोर के लिए 3 रेफ्रिजरेटर है, जहां तक प्लाज्मा को सुरक्षित रखने का बात है इसके लिए भी मशीन उपलब्ध है। रक्त को शुद्ध करने के लिए भी अलग मशीन उपलब्ध है। फिलहाल अस्पताल में केवल ब्लड ही चढ़ाया जाता है और कंपोनेंट मशीन के लिए मरीजों को प्राइवेट या फिर पीजीआइ की दौड़ लगानी पड़ती है।
------- दो ब्लड कंपोनेंट सपरेटर मशीन आ चुकी है। अब मशीन को चलाने के लिए स्टाफ व लाइसेंस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डॉ. धर्मवीर, इंचार्ज, ब्लड बैंक अंबाला छावनी