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किशोरी की 35 साल के युवक से कराई शादी, पंचायत में तलाक देकर घर से निकाला

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाइल्डलाइन की टीम को सोमवार शाम क

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 01:06 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 01:06 AM (IST)
किशोरी की 35 साल के युवक से कराई शादी, पंचायत में तलाक देकर घर से निकाला
किशोरी की 35 साल के युवक से कराई शादी, पंचायत में तलाक देकर घर से निकाला

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी रेलवे स्टेशन पर रेलवे चाइल्डलाइन की टीम को सोमवार शाम को एक किशोरी मिली। टीम उसे अपने साथ हेल्प डेस्क कार्यालय में लेकर आई। यहां पूछताछ करने पर किशोरी ने खुलासा किया कि उसकी उम्र अभी 16 साल है और दो महीने पहले उसकी मां ने जबरन करनाल जिले के जलमाणा गांव के 35 वर्षीय युवक के साथ उसकी शादी कर दी है। लेकिन अब उसे ससुराल वालों ने गांव की पंचायत के जरिए तलाक देकर घर से निकाल दिया है। इसी कारण वह अब ट्रेनों में इधर-उधर भटक रही है। टीम द्वारा पीड़िता को मंगलवार सुबह सीडब्ल्यूसी टीम के समक्ष पेश किया जाएगा। वहीं, चाइल्डलाइन कार्यालय में युवतियों को रखने के लिए कोई जगह नहीं होने पर रातभर पीड़िता को स्टेशन पर ही हेल्प डेस्क में रखा गया।

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पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि वह करनाल जिले के एक गांव की रहने वाली है। लंबे समय पूर्व उसके पिता का देहांत हो चुका है। दो महीने पहले ही बीती 22 अगस्त को उसकी मां ने जबरन जलमाणा गांव के 35 वर्षीय युवक से शादी कर दी। लेकिन वह इतनी अधिक उम्र वाले युवक के साथ बिल्कुल भी खुश नहीं थी। वहीं ससुराल वाले भी उसे विभिन्न तरह से परेशान करते थे। ऐसे में ससुराल वालों ने 26 अक्टूबर को पहले गांव के सरपंच व अन्य लोगों के सामने पंचायत में उसे कागजी तलाक दे दिया। इसके बाद उसे जबरन ससुराल वालों ने घर ही नहीं बल्कि गांव से भी बाहर कर दिया और सारे रिश्ते खत्म कर दिए। इसके बाद पीड़िता स्टेशन पर पहुंची और वहां से ट्रेन में बैठकर अमृतसर गुरुद्वारे में गई। दो दिन वहां रहने के बाद अब पीड़िता सोमवार को ट्रेन में बैठकर दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे जा रही थी। इसी दौरान स्टेशन पर ट्रेन से उतरने के दौरान वह चाइल्डलाइन टीम को मिल गई।

बिना काउंसि¨लग युवतियों को रखने की नहीं जगह

स्टेशन पर चाइल्डलाइन रेलवे टीम को अगर कोई भी बच्चा या किशोरी लावारिस मिले तो उसे अपने साथ हेल्प डेस्क कार्यालय में लाकर पूछताछ की जाती है। इसके बाद इन्हें सीडब्ल्यूसी टीम के समक्ष पेश किया जाता है। लेकिन समय नहीं होने पर अगर सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश नहीं किया जाता तो चाइल्डलाइन के पास ऐसे बच्चों या किशोरियों को रखने के लिए कोई जगह नहीं है। इसी पीड़ित को भी टीम ने सारी रात अपने साथ स्टेशन पर ही कार्यालय में रखा।


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