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राज्यपाल से सम्मानित होने को अफसरों में होड़

तबादला या फिर सराहनीय कार्यों का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नेताओं के पास एप्लीकेशन पर नोट

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 07:42 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 07:42 AM (IST)
राज्यपाल से सम्मानित होने को अफसरों में होड़
राज्यपाल से सम्मानित होने को अफसरों में होड़

तबादला या फिर सराहनीय कार्यों का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नेताओं के पास एप्लीकेशन पर नोट लिखवाने की होड़ अक्सर देखी जाती है। लेकिन अब डीसी से सिफारिश करवा रहे हैं कि गणतंत्र दिवस पर अंबाला शहर में होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में वे किसी तरह से सम्मानित हो जाएं। हालांकि डीसी अशोक कुमार ने अधिकारियों की दो बार बैठक लेकर स्पष्ट कर दिया है कि उसी के नाम की संस्तुतित की जाए, जिसने वास्तव में बेहतरीन कार्य किया हो। पूर्व में हुए समारोहों में तो एक लंबी फेहरिस्त तैयार कर ली जाती थी, जिसमें दागी अफसरों व कर्मचारियों को सम्मानित कर दिया जाता था। इस बार मामला राज्यपाल से जुड़ा है, तो सम्मानित होने के लिए अफसरों या फिर कर्मचारियों के नामों की स्क्रीनिग काफी संभलकर की गई है। चर्चा है कि पांच नामों की सूची तैयार कर ली गई है, जिसे बाकायदा हरी झंडी का इंतजार है।

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सीएम विडो पर पेंडिग शिकायतों पर बड़े साहब भड़के

सीएम विडो या फिर मुख्यमंत्री का ट्वीटर अकाउंट। यहां पर शिकायत अधिक समय तक लंबित रहने पर अफसरशाही की भी चंडीगढ़ से जवाब तलबी हो जाती है। इसकी मॉनीटरिग सीधा आईएएस अधिकारी कर रहे हैं, जो डीसी से वीडियो कॉनफ्रेंसिग से जवाब तलबी करते हैं। अंबाला में 2018-19 की कई शिकायतें आज भी अफसरों की फाइलों में मार्किंग हो रही है। लेकिन शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है। हाल ही में डीसी अशोक कुमार ने अधिकारियों की बैठक समीक्षा की और लाल-पीले भी हो गए। सख्त लहजे में अधिकारियों को बता दिया गया है कि अगली समीक्षा बैठक तक 2018-19 की सीएम विडो शिकायतें पेंडिग नहीं होनी चाहिए। समीक्षा की तो बीते तीन सालों में 7570 शिकायतें पहुंची, जिनमें से 233 आज भी पेंडिग है। सरकार तीस दिन में निपटारे की बात करती है, लेकिन अफसरशाही सरकार के इस कदम को पलीता लगा रही है, जिससे शिकायतकर्ता भी परेशान रहते हैं।

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जिनके कमल के सहारे बढ़े, उसके झंडे ही कूड़े में फैंक दिया

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के अलावा नेता जी इन दिनों अपने पुराने हलके में भी एक्टिव नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों नारायणगढ़ हलके के शहजादपुर सीएएस को लेकर जागरूकता रैली निकाली गई। इस में एक्टिव नेता जी भी शामिल हुए। पूरा लाव लशकर साथ था और हाथों में पार्टी का झंडा और सीएम की फोटो लगे बैनर थे। राज्य मंत्री रहते हुए नेताजी की काफी शहजादपुर में पैठ बन चुकी थी, जिसके चलते लोग भी अच्छी खासी संख्या में उमड़े। पार्टी के नाम और सीएम के जयकारे लगाते यह समर्थक रैली में चले। सीएए पर जागरूकता रैली जैसे ही खत्म हुई तो चायपानी का भी प्रोग्राम हुआ। हाथों में झंडे लिए समर्थकों के चहेरों पर खुशी थी, लेकिन चाय के कप सड़क किनारे फैंक कर जहां स्वच्छता अभियान को पलीता लगा दिया और कुछ देर बाद ही इन चाय के कपों के पास पार्टी के झंडे और बैनर भी कूड़े में दिखे।

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मनचाही पोस्टिग के जुगाड़ में जुटे पुलिस अफसर

सीआईडी की रिपोर्टिंग को लेकर चल रही अटकलों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विराम तो लगा दिया, लेकिन अब पुलिस अधिकारी मनचाही पोस्टिग के लिए अपने जुगाड़ में जुटे हैं। पहले अधिकारी प्रदेश के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान के चलते इसके निपटारे का इंतजार कर रहे थे। अब निपटारा होने के बाद अब आईपीएस और एचपीएस अधिकारियों की लिस्ट आनी बाकी है। गृहमंत्री के निशाने पर कई आईपीएस अधिकारी हैं, जिनसे जवाब तलबी की जा चुकी है। अब देखना होगा कि इन आईपीएस अधिकारियों में से किस-किस की कुर्सी बच पाती है और कौन-कौन अधिकारी अपनी मनचाही पोस्टिग हासिल करने में कामयाब रहेगा। एनसीआर में पुलिस कमिश्नरी में पद पाने वाले आईपीएस अधिकारियों लिस्ट लंबी है। इसको लेकर भी सीनियर आईपीस अधिकारी लॉबिग में जुट गए हैं। जिलों में कप्तानों की ही नहीं बल्कि पुलिस आयुक्त, रेंज के आईजी और अन्य अधिकारियों को इधर से उधर करना है।


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