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Haryana GST Scam: करनाल व एनसीआर में 10 फर्जी फर्मों की तलाश में छूटे अफसरों के पसीने

Haryana GST Scam करने वाले फर्जी फर्मों की तलाश बड़ी चुनौती बन गई है। करनाल और एनसीआर की 10 फर्जी फर्मों को ढ़ूंढ़ने में हरियाणा के अफसरों के पसीने छूट रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 01:10 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 01:10 PM (IST)
Haryana GST Scam: करनाल व एनसीआर में 10 फर्जी फर्मों की तलाश में छूटे अफसरों के पसीने
Haryana GST Scam: करनाल व एनसीआर में 10 फर्जी फर्मों की तलाश में छूटे अफसरों के पसीने

अंबाला, [दीपक बहल]। हरियाणा में 1181 करोड़ के जीएसटी घोटाले की जांच में जुटी टीम को दस और फर्जी फर्मों का पता चला है। ये फर्में एनसीआर और करनाल में बनाई गई हैं। इन फर्जी फर्मों ने कितने का कारोबार किया और कितने बिल काटे, इसका लेखा जुटाने में अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। छानबीन के बाद ही पता चलेगा कि इन फर्मों ने सरकार से कितने का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया है। मतलब यह कि यह घोटाला 1181 करोड़ से भी अधिक का हो सकता है।

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1181 करोड़ के घोटाले में अफसरों की नहीं की गई जिम्मेदारी तय, अब तक  69 फर्मों का हुआ खुलासा

दूसरी ओर, हरियाणा पुलिस न तो घोटाले के मास्टरमाइंड तक पहुंच सकी है और न ही आबकारी एवं कराधान विभाग के आला अधिकारियों ने किसी भी जिले में अधिकारी की जिम्मेदारी तय की है। प्रारंभिक जांच में ही स्पष्ट हो गया है कि इस घोटाले में अफसरों की लापरवाही रही है। रजिस्ट्रेशन नंबर जारी होने के बाद दिए गए पते पर जाकर वेरिफिकेशन करना उचित नहीं समझा। अब जब टीमें इन पतों पर जा रही हैं तो पता चल रहा है कि जहां पर फर्म का पता दिया गया है वहां मकान बने हैं या फिर खाली प्लाट हैं।

फर्मों ने बढ़ाई और परेशानी

जांच में 69 फर्मों का खुलासा हो चुका है। इसी बीच पता चला कि गुरुग्राम नार्थ में चार फर्जी फर्में बनाई गई हैं। ये फर्में किस पते पर बनाई गई, इसको लेकर विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं। इसी प्रकार फरीदाबाद ईस्ट में 3, नार्थ में 1 और करनाल में 1 फर्जी फर्म बनाई गई।

जालसाज सुनियोजित तरीके से करते हैं खेल

जालसाज सुनियोजित तरीके से सबसे पहले जीएसटी नंबर लेते हैं। किसी व्यक्ति को लालच देकर उसके दस्तावेज लेकर जीएसटी नंबर के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं। जीएसटी नंबर हासिल करने के बाद बिना कोई आफिस खोले करोड़ों रुपये के बिल जारी कर देते हैं। इसी आधार पर इनपुट क्रेडिट हासिल कर सरकार को चूना लगाते हैं। अंबाला में इस तरह का मामला पकड़ में आ चुका है। पंजाब के गोविंंदगढ़ के एक व्यक्ति को लालच देकर दस्तावेज लिए गए और जालसाज अंडरग्राउंड हो गए।

फरीदाबाद में हुई थी पहली गिरफ्तारी

फर्जी बिल से सरकार को 8 से 10 करोड़ रुपये की जीएसटी का चूना लगाने के मामले में  पहली गिरफ्तारी फरीदाबाद में मार्च 2019 में हुई थी। केंद्रीय जीएसटी विभाग की फरीदाबाद टीम ने मनोज अग्रवाल और अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था।

अफसरों की सफाई, 1182.23 करोड़ क्रेडिट राशि की गई पास

जीएसटी घोटाले में हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों ने सफाई दी है। विभाग के प्रवक्ता ने बताया 138 मामलों में से 69 मामले फर्जी या गैर-मौजूद हैं। जांच के बाद पता चला इन करदाताओं की 1182.23 करोड़ रुपये की क्रेडिट राशि पास हुई है। इन मामलों में संबंधित जिला कार्यालयों को आगे की आवश्यक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

इन संदिग्ध करदाताओं को विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा भौतिक सत्यापन के अधीन किया गया था, जिसके बाद 69 मामलों का पता चला। विभाग ने 15 करदाताओं को रद कर दिया है। 69 करदाताओं से 28.54 लाख रुपए की वसूली प्रभावित हुई और 31.63 करोड़ रुपये का क्रेडिट ब्लाक हुआ है।

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