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कपूरथला रेल कोच फैक्‍टरी में बन रहे खास डिब्‍बे, अब ट्रेनों के थर्ड एसी में होंगी 83 सीटें, वेटिंग से छुटकारा

ट्रेनों के थर्ड एसी कोच में सीटों की संख्‍या बढ़ेगी। अब थर्ड एसी कोच में 83 सीटें होंगी। इसके लिए पंजाब की कपूरथला रेल कोच फैक्‍टरी में खास कोच बनाए जा रहे हैं। ऐसे में ट्रेनों में सीट बढ़ने से वेटिंग टिकट की समस्‍या खत्‍म होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 07:32 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 07:32 AM (IST)
कपूरथला रेल कोच फैक्‍टरी में बन रहे खास डिब्‍बे, अब ट्रेनों के थर्ड एसी में होंगी 83 सीटें, वेटिंग से छुटकारा
पंजाब की कपूरथला रेल कोच फैक्‍टरी में बनाए जा रहे डिब्‍बे।

अंबाला, [दीपक बहल]। ट्रेनों में जल्‍द ही यात्रियों को वेटिंग की समस्‍या से मुक्ति मिल सकेगी। अब रेलगाड़ी के थर्ड एसी बोगी में 72 की जगह 83 सीटें होंगी। इससे जहां लोगों को वेटिंग से छुटकारा मिलेगा, वहीं रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी। इसके लिए रेलवे ने नए डिजाइन के कोच तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। नए कोच के डिजाइन में प्रत्येक ट्रेन में 220 यात्री अधिक सफर कर सकेंगे। डिब्बों के आकार में बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि सीटों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है।

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मौजूदा समय थर्ड एसी कोच में 72 यात्री ही करते हैं सफर, नए डिजाइन के कोच में बैठ सकेंगे 11 अधिक यात्री

रेल मंत्रालय के आदेश पर पंजाब के कपूरथला रेल कोच फैक्टरी में 83 सीटों वाला डिब्बा बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। डिब्बा बनने के बाद इसे अप्रूवल के लिए लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) भेजा जाएगा। अनुमति मिलते ही इस तरह के कोच बनाने की कवायद तेज हो जाएगी। इतना ही नहीं स्लीपर की जगह एसी कोच की डिमांड बढऩे वाली है, क्योंकि हाईस्पीड ट्रेनों में महज एसी वाले डिब्बे ही लगेंगे।

इस तरह किया गया कोच में बदलाव

83 सीटों का कोच बनाने के लिए केबिन को पहले की तुलना में थोड़ा छोटा किया जा रहा है, वहीं बेड रोल रखने वाली जगह को भी सीट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस तरह 11 सीटें एक डिब्बे में अधिक हो रही हैं। यानी कि 20 डिब्बों की ट्रेन में 220 सीटें अतिरिक्त हो जाएंगी। मौजूदा समय यह 220 लोगों को वेङ्क्षटग लिस्ट जारी की जाती है, लेकिन नए डिजाइन में वेङ्क्षटग टिकट का झंझट खत्म हो जाएगा।

इस तरह स्लीपर कोच हटते जाएंगे

वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर अन्य ट्रेनों को भी 130 या 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाने की योजना है। देशभर में करीब 1900 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें पटरी पर दौड़ रही हैं, जिनकी दो चरणों में स्पीड बढ़ाने की योजना है। पहले सन 2023 तक और फिर 2025 तक ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी।

इन हाईस्पीड ट्रेनों में स्लीपर कोच की डिमांड कम हो जाएगी, क्योंकि इन ट्रेनों में एसी क्लास के ही डिब्बे लगाए जाएंगे। इसके पीछे तर्क यह है कि स्लीपर क्लास में खिड़की ओपन की जाती है, जिससे ट्रेन की स्पीड पर असर पड़ता है।

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'' नए डिजाइन के डिब्बों में यात्री सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है। कर्मचारी नए कोच को दिन-रात एक कर तैयार कर रहे हैं। इस नए डिजाइन के कोच से यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी।

                                                                       - रविंद्र गुप्ता, महाप्रबंधक, रेल कोच फैक्टरी, कपूरथला।

- हाईस्पीड ट्रेनों का सपना हुआ साकार, स्लीपर कोच हटाकर महज एसी कोच को ही दी जाएगी प्राथमिकता

- प्रत्येक ट्रेन में 220 अधिक यात्री कर सकेंगे सफर


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