सीएम या उनके स्टॉफ की ओर से नरवाना रेस्ट हाउस में रुकने के लिए नहीं मिला था कोई आवेदन : चुनाव आयोग
हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों को भाजपा ने बड़ी जीत हासिल कर भले ही कांग्रेस को धूल चटा दिया हो लेकिन आचार संहिता के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल को नरवाना (जींद) के रेस्ट हाउस में रुकने की अनुमति न मिलने की अजीब स्थिति पैदा होने के मामले की परतें अब खुलने लगी है।
दीपक बहल, अंबाला : हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों को भाजपा ने बड़ी जीत हासिल कर भले ही कांग्रेस को धूल चटा दिया हो लेकिन आचार संहिता के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल को नरवाना (जींद) के रेस्ट हाउस में रुकने की अनुमति न मिलने की अजीब स्थिति पैदा होने के मामले की परतें अब खुलने लगी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार को आरटीआइ के तहत दी जानकारी में चुनाव आयोग ने कहा हरियाणा के सीएम या उनके स्टॉफ की ओर से रेस्ट हाउस में रुकने का कोई भी आवेदन उन्हें नहीं मिला है। जबकि, यह मामला उसी दिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोट पहुंचा था जहां कहा गया था चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से रेस्ट हाउस में रुकने की अनुमति मांगी है। हालांकि, हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद सीएम को नरवाना में ठहरने की अनुमति मिल गई थी। इस तरह हाईकोर्ट पहुंचा था मामला
10 मई 2019 को सिरसा में चुनाव प्रचार के बाद जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए तो मौसम खराब हो गया था।
हेलिकॉप्टर से चंडीगढ़ पहुंचना था लेकिन उसी वक्त आंधी शुरू हो गई थी। मौसम ठीक नहीं हुआ तो सीएम सड़क मार्ग से रवाना हुए। इसी बीच सीएम रात को रास्ते में नरवाना के गेस्ट हाउस में रुकने का फैसला किया। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जींद के डीसी ने रेस्ट हाउस में ठहराने से इनकार कर दिया था। प्रदेश के सीईओ को रात करीब सवा नौ बजे ई-मेल कर रेस्ट हाउस में रुकने की अनुमति मांगी गई थी जहां से करीब सवा 11 बजे जवाब दिया गया। इससे पहले मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था जहां से रुकने की अनुमति सीएम को मिल चुकी थी। आरटीआइ में पांच बिदुओं पर मांगी थी जानकारी
अंबाला शहर निवासी हेमंत कुमार ने बताया कि 12 मई 2019 को आरटीआइ में पांच बिदुओं पर चुनाव आयोग से जानकारी मांगी थी जिसका जवाब 14 मई 2019 को उनकी ई-मेल पर मिला है। आयोग ने कहा कि रेस्ट हाउस में रुकने के लिए सीएम या उनके स्टॉफ की ओर कोई आवेदन नहीं मिला है। हेमंत कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग को भी आवेदन करने का जिक्र किया गया है। हालांकि, सीईओ को 9 बजकर 14 मिनट पर ई-मेल की गई थी। यह पूछे गए थे पांच सवाल
-जींद के नरवाना रेस्ट हाउस में रुकने के लिए सीएम या उनके स्टॉफ की ओर से कितने बजे आवेदन किया गया था।
-यह प्रार्थना पत्र चुनाव आयोग के सामने कब प्रस्तुत किया गया
-चुनाव आयोग ने कितने बजे आदेश पारित किए और इसकी जानकारी सीएम को कब दी गई।
-इस तरह के मामले में अनुमति मिलने के क्या नियम कायदे हैं।
-हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद सीईओ की ओर से कब सूचित किया गया।