गड़बड़झाला : 1.11 करोड़ के पेड़ बिकने के बाद फंसे अफसर
नारायणगढ़ में पेड़ों की नीलामी में सरकारी खजाने में 1.11 करोड़ रुपये आने से वन विभाग के अफसर संदेह के घेरे में फंस गए हैं। 12 हजार पेड़ों की नीलामी के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया था।
जागरण संवाददाता, अंबाला : नारायणगढ़ में पेड़ों की नीलामी में सरकारी खजाने में 1.11 करोड़ रुपये आने से वन विभाग के अफसर संदेह के घेरे में फंस गए हैं। 12 हजार पेड़ों की नीलामी के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया था कि यह 19 लाख के बिकेंगे, लेकिन जब नीलामी हुई तो छह गुणा अधिक रुपये सरकारी खजाने में आ गए। डीसी अशोक कुमार को संदेह हुआ कि वन विभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाने में कोताही बरती है। ऐसे में डीसी अशोक कुमार ने वन विभाग के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट आफिसर (डीएफओ) से जवाब तलब किया है। यह पेड़ 28 जनवरी को नीलाम किए गए थे। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने उस समय यह सोचा भी नहीं था कि इन पेड़ों की नीलामी में कमेटी का गठन किया जाएगा और बाकायदा वीडियोग्राफी होगी।
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इस तरह संदेह में अधिकारी
दरअसल 12 हजार पेड़ों की नीलामी होनी थी। इस नीलामी से आने वाले रुपयों से गांव का विकास होना था। वन विभाग के अधिकारियों ने 19 लाख रुपये में पेड़ बिकने का अनुमान लगाकर सीनियर अधिकारियों को भेज दिया। हर बार वन विभाग को ही पेड़ नीलाम करने के लिए हरी झंडी दी जाती है, लेकिन डीसी ने 27 जनवरी 2020 को इन पेड़ों की नीलामी के लिए नारायणगढ़ की एसडीएम अदिति, डीडीपीओ प्रताप सिंह तथा बीडीपीओ संजय की देखरेख में कमेटी बना दी। बाकायदा पेड़ों की नीलामी की वीडियोग्राफी तक कराई गई। पेड़ नीलाम होने के बाद डीसी को पता चला कि वन विभाग के अधिकारी जिन पेड़ों की कीमत 19 लाख बता रहे थे, वह आंकड़ा 1.11 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसी पर डीसी ने इस मामले में डीएफओ से लिखित में जवाब तलब किया है।
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रामकुमार ने दी थी सबसे ज्यादा बोली
ग्राम पंचायत पूलेवाला में पंचायती भूमि पर खड़े पेड़ों की नीलामी हुई थी, जिसमें गांव के मौजिज लोग भी उपस्थित रहे। इसमें सबसे अधिक बोली यमुनानगर के राम कुमार ने लगाई थी। नीलामी सरपंच लालचंद की अध्यक्षता की गई थी। अमानत के तौर पर प्रति बोलीदाता से एक लाख की राशि ली गई है।
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फोटो नंबर :: 52
वन विभाग ने 12 हजार पेड़ों की कीमत का आकलन 19 लाख रुपये किया था। बोली लगाने पर पेड़ों की कीमत 1.11 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई, इसी को लेकर अफसरों से लिखित में जवाब तलबी की है।
- अशोक कुमार, डीसी अंबाला।