खनन विभाग का सात अवैध स्क्रीनिग प्लांटों पर छापा, जेसीबी व दो डंपर काबू
क्षेत्र में अवैध चल रहे सात स्क्रीनिग प्लांटों पर खनन विभाग की टीम ने कार्रवाई की। इस दौरान जहां एक जेसीबी व दो डंफर अपने कब्जे में लिए गए वहीं शिकायत के आधार पर एनजीटी एक्ट के तहत पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है।
संवाद सहयोगी, नारायणगढ़
क्षेत्र में अवैध चल रहे सात स्क्रीनिग प्लांटों पर खनन विभाग की टीम ने कार्रवाई की। इस दौरान जहां एक जेसीबी व दो डंपर अपने कब्जे में लिए गए। वहीं शिकायत के आधार पर एनजीटी एक्ट के तहत पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है। यह कार्रवाई राउमाजरा, मियांपुर, शाहपुर में की गई है।
अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए गठित टीम ने जिला खनन अधिकारी भूपिद्र सिंह व चौकी इंचार्ज सैक्टर चार नारायणगढ़ रामबिलास ने बृहस्पतिवार को गांव संगरानी, राऊमाजरा, मियांपुर में चल रहे अवैध स्क्रीनिग प्लाटों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान संबंधित स्क्रीनिग प्लाटों के पास खनन विभाग द्वारा जारी एमडीएल मिनरल डीलर लाइसेंस नहीं था। इनके पास न ही इखराना जारी करने के लिए खनन विभाग के पास रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ था। टीम ने कहा कि स्कीनिग प्लांट के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई।
इसके अलावा टीम ने कार्रवाई के क्रम में नीलकंठ स्क्रीनिग प्लांट से एक ट्रक को काबू किया, जबकि राऊमाजरा स्थित आरआर स्क्रीनिग प्लांट से एक ट्रक व जेसीबी मशीन को अपने कब्जे में लिया गया। टीम ने एनजीटी के आर्डर अनुसार कार्य करते हुए सेक्टर चार चौकी पुलिस को इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है।
टीम ने एसपी स्क्रीनिग प्लांट शाहपुर व एमएसएसपी राउमाजरा व हरिओम स्क्रीनिग प्लांटों के खिलाफ नारायणगढ़ व कालाअंब पुलिस चौकी को एफआई दर्ज करने के लिए लिखा। जिला खनन अधिकारी भूपिद्र सिंह ने बताया कि अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए टीम गठित की हुई है। इसी कड़ी में यह कार्रवाई अमल में लाई गई है। पहले भी हुई है कार्रवाई
दिसंबर 2015 में नारायणगढ़ क्षेत्र में बिना मंजूरी व नियमों को ताक पर रख कर चलाए गए इन प्लांटों को लेकर शिकायतों पर प्रदूषण विभाग ने मार्च-2016 में कार्रवाई करते करीब ढाई दर्जन स्क्रीनिग प्लांटों पर कार्रवाई की थी। बिना एनओसी के चलते इन स्क्रीनिग प्लांटों सील कर दिया था। विभाग ने धारा 33ए, ऑफ द वॉटर एक्ट 1974 (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पोल्युशन) 31ए ऑफ दी एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पोल्युशन) एक्ट 1981 एवं एनवायरमैन्टल प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के तहत नोटिस देकर कार्रवाई की थी।