हरियाणा-पंजाब में रेल यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़, पटरी बिछाने व मरम्मत की सुपरविजन राम भरोसे
हरियाणा एवं पंजाब में रेल यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ किए जाने का मामला सामने आया है। दरअसल रेल पटरियों को बिछाने ओर इनकी मरम्मत के सुपरविजन में लापरवाही की बात सामने आई है। यह सुपरविजन मुशियों से कराई जा रही है।
अंबाला, [दीपक बहल]। यात्रियों की सुरक्षित यात्रा का राग अलाप रहे रेलवे अधिकारी ही नियम-कायदे भूल गए हैं। पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में रेल यात्रियों की सुरक्षा से ख्निलवाड़ किए जाने का खुलासा हुआ है। हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपयों के टेंडर अलाट कर लाइन बिछवाने, प्लेटफार्म बनवाने या फिर पटरी पर मरम्मत कार्य का सुपरविजन प्राइवेट कंपनी के टेक्निकल स्टाफ से नहीं बल्कि अपने मुंशियों से करवा रही है। संरक्षा से जुड़े काम डिप्लोमा होल्डर या बीटेक सुपरवाइजर की देखरेख में न करवाने पर ठेकेदार पर रोजाना जुर्माने तक प्रावधान है।
डिप्लोमा होल्डर या बीटेक सुपरवाइजर न होने पर रोज 25 से 40 हजार जुर्माने के नियम को भूले अधिकारी
हाल में ही अंबाला-सहारनपुर रेलमार्ग पर केसरी-बराड़ा के बरती गई लापरवाही की जांच में भी यह बात सामने आई कि ठेकेदार का सुपरवाइजर डिप्लोमा होल्डर नहीं था। नियम की बात करें तो यदि डिप्लोमा होल्डर पटरी के काम करते समय मौके पर नहीं होगा तो रोजाना 25 हजार रुपये ठेकेदार-कंपनी पर जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे ही बड़े काम पर, जिसका टेंडर दो करोड़ से ऊपर का होगा वहां बीटेक सुपरवाइजर नहीं होने पर रोजाना 40 हजार रुपये जुर्माना लगाने का नियम है।
प्राइवेट कंपनियों और ठेकेदार पर मेहरबानी, मरम्मत से पहले एईएन जारी नहीं करते प्रमाणपत्र
यहां तक कि रेलवे के सहायक अभियंता (एईएन) रेल पटरी से जुड़ा कार्य होने से पहले ठेकेदार या कंपनी के सुपरवाइजर की काउंसिलिंग करते हैं और जांचते हैं कि जिसकी देखरेख में कार्य होगा उसके पास कौन सी डिग्री है। सबकुछ सही होने पर एईएन सुपरवाइजर को प्रमाणपत्र जारी करते हैं, लेकिन लंबे अर्से से प्रमाणपत्र जारी ही नहीं किए गए। हालांकि ठेकेदार हो या फिर कंपनी के बिल, उन पर एईन के हस्ताक्षर जरूर मिलते हैं।
यहां भी नहीं था डिप्लोमा होल्डर
केसरी-बराड़ा के बीच दस सितंबर, 2020 को रेलगाड़ी बेपटरी होने से बच गई थी। बिना ब्लॉक लिए काम चल रहा था और इस बीच रेलगाड़ी आ गई। हाथ में लाल झंडी देकर दौड़े रेलकर्मी ने हादसा होने से तो बचा लिया, लेकिन एक अन्य ट्रेन करीब डेढ़ घंटा लेट होने कारण यात्री परेशान रहे। इस कार्य पर भी ठेकेदार का सुपरवाइजर नहीं था। यहां तो रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर या जेई तक मौके पर नहीं थे। जांच में दो रेलकर्मियों को जहां सस्पेंड किया गया वहीं सीनियर डीईएन का तबादला दिल्ली कर दिया गया था।
पांच कर्मचारियों को चार्जशीट जारी
केसरी-बराड़ा के बीच हुई घटना के मामले में रेलवे ने सख्त कदम उठाते पांच कर्मचारियों को चार्जशीट जारी की है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर, जेई, ट्रॉलीमैन और दो ट्रैकमैन को मेजर चार्जशीट जारी कर दी है।
जुर्माने का है प्रावधान : सीनियर डीईएन
सीनियर डीईएन नीरज भंडारी ने कहा कि ठेकेदार के पास डिप्लोमा होल्डर न होने पर जुर्माने का प्रावधान है। इन नियमों का लागू किया जा रहा है। रेलवे में डिप्लोमा होल्डर लोग भर्ती हो रहे हैं।