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मुनाफे के लिए सेहत से खिलवाड़

बाजार में फलों की दुकान से लेकर ठेलों तक आम नजर आ रहा है। इन दिनों जितना आम बाजार में है इतना कोई और फल नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 06:35 AM (IST)
मुनाफे के लिए सेहत से खिलवाड़
मुनाफे के लिए सेहत से खिलवाड़

जागरण संवाददाता, अंबाला : बाजार में फलों की दुकान से लेकर ठेलों तक आम नजर आ रहा है। इन दिनों जितना आम बाजार में है, इतना कोई और फल नहीं है। आम का सीजन एक सीमित समय के लिए है, इसलिए फल विक्रेता इस समय को भुनाने में लगे हुए हैं। प्राकृतिक ढंग से पेड़ पर आम पकने का इंतजार करने का किसी के पास वक्त नहीं। रातों-रात आम पका कर बाजार में बेचा जा रहा है।

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पेड़ से तोड़े कच्चे आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड व मिथाइल ऑक्साइड का खूब इस्तेमाल होता है। यह रसायन इतना खतरनाक है कि आम खाने वाला व्यक्ति सीधे बीमारी की चपेट में चला जाता है। बड़ी बात है कि लोगों को रसायन लगे आम की कोई पहचान नहीं है, लेकिन जिनके ऊपर इस गोरखधंधे पर लगाम कसने की जिम्मेदारी है, उनकी ढिलाई से यह कारोबार खूब फल फूल रहा है।

प्राकृतिक ढंग से जो आम पकाया जाता है उसे पेड़ पर अथवा इससे तोड़ने के बाद भूसे में पकाने में काफी दिन लग जाते हैं, जबकि रसायन से यह महज चौबीस घंटे में पक जाते हैं। पेड़ से आम तोड़कर पेटियों में भर लिए जाते हैं। बाद में इन पेटियों के बीच कैल्शियम कार्बाइड की एक-एक पुड़िया रख दी जाती है।

बिना रसायन के आम के दुष्प्रभाव एवं पहचान

चिकित्सकों के मुताबिक रसायन से पकाए आम को खाते ही मुंह में थोड़ी जलन, गले की जकड़न, पेट में दर्द व दस्त जैसी समस्या होना आम बात है। रसायन से पकाए आम के रंग व स्वाद में भी फर्क आ जाता है। इस आम के पीले भाग में धब्बे से पड़ जाते हैं या फिर यह एक रंग का नजर नहीं आता। ऐसे आम बहुत जल्दी खराब होने लगते हैं। वहीं प्राकृतिक ढंग से पके आम का रंग एक जैसा होता है। यह प्राकृतिक रूप से चमकीला होता है।

फूड सेफ्टी एक्ट में जुर्माना व सजा का प्रावधान, सैंपल लिए गए हैं

खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष ने बताया कि फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड एक्ट में खाद्य पदार्थो को अप्राकृतिक ढंग से पकाना गलत है। खाद्य पदार्थ हल्की क्वालिटी का एवं खाने के काबिल न हो तो पांच लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी प्रकार लैब रिपोर्ट में कैमिकल मिलने एवं पदार्थ खाने के हिसाब असुरक्षित हो तो जुर्माने के साथ छह माह की सजा का भी प्रावधान है। बाजार में बिक रहे आम के सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं।

ऐसे आम सेहत के लिए हानिकारक

उप सिविल सर्जन डॉ. संजीव सिगला के मुताबिक कुछ दुकानदार कैल्शियम कार्बाइड एवं मिथाइल ऑक्साइड से आम पका कर बेचते हैं। अप्राकृतिक ढंग से पकाए एवं रसायन लगे आम लोगों की सेहत बिगाड़ सकते हैं। कैल्शियम कार्बाइड का सीधा इस्तेमाल हानिकारक है। यह नर्वस सिस्टम, गुर्दे, किडनी व लीवर को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे आम खाने से से गले व पेट संबंधी शिकायतें सामान्य बात है।


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