तुलाई में ढिलाई, मंडी में अभी भी 8 लाख से ज्यादा बैगों को उठने का इंतजार
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : मंत्री के आदेश के बावजूद अंबाला मंत्री के आदेश के बावजूद अंबाला शहर अनाज मंडी में 48 घंटे तो दूर 72 घंटे बीत जाने के बावजूद माल आधा नहीं हुआ। माल आधा होना तो दूर अभी भी मंडी 8 लाख से ज्यादा गेहूं के बैग से अंटी पड़ी है। 63 से ज्यादा ट्रक माल लि¨फ्टग में लगे हैं बावजूद इसके अभी स्थिति कंट्रोल में नहीं आ रही है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : मंत्री के आदेश के बावजूद अंबाला शहर अनाज मंडी में 48 घंटे तो दूर 72 घंटे बीत जाने के बावजूद माल आधा नहीं हुआ। माल आधा होना तो दूर अभी भी मंडी 8 लाख से ज्यादा गेहूं के बैग से अंटी पड़ी है। 63 से ज्यादा ट्रक माल लि¨फ्टग में लगे हैं बावजूद इसके अभी स्थिति कंट्रोल में नहीं आ रही है। दैनिक जागरण ने जब पड़ताल की तो एक बड़ा कारण यह सामने आया कि मंडी के नजदीक हिसार रोड पर पड़ने वाले धर्म कांटे पर तुलाई बेहद ढीली चल रही है। हालात यह हैं कि दो-दो घंटे एक ट्रक को तुलाई में लग रहे हैं। इसी कारण तुलाई के लिए 40 ट्रक हमेशा हिसार हाइवे पर खड़े हुए देखे जा सकते हैं। इतने ट्रक एक साथ हाइवे के किनारे खड़े रहने से हमेशा यहां पर हादसे का डर भी बना रहता है। इसके अलावा तंग सड़क होने के कारण जाम की स्थिति से भी शहरवासियों को रू-ब-रू होना पड़ रहा है। हालांकि इससे आगे भी एक ओर धर्म कांटा है। लेकिन यह मंडी के नजदीक होने के कारण सारा रस यहीं पर रहता है। नियमों अनुसार उसी धर्म कांटे पर तुलाई कराई जा सकती है जो मंडी के नजदीक हो और संग्रहण केंद्र के बीच में पड़ता हो। इसीलिए डीएफएससी ने इन्हीं को तुलाई के लिए मान्य किया है।
15 हजार मीट्रिक टन अधिक आवक
रिकार्ड पर नजर दौड़ाएं तो गत वर्ष 22 अप्रैल तक मंडी में 95 हजार 565 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई थी। इस बार की बात करें तो 22 अप्रैल तक 1 लाख 5500 मीट्रिक टन गेहूं की आवक शहर अनाज मंडी में हो चुकी है। यानी गत वर्ष से 15 हजार मीट्रिक टन अधिक।
आंकड़ों में गत वर्ष से ज्यादा हो चुकी लि¨फ्टग
वहीं गत वर्ष 23 अप्रैल तक करीब 62 हजार मीट्रिक टन गेहूं की लि¨फ्टग हो चुकी थी जबकि इस बार 23 अप्रैल तक करीब 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं की लि¨फ्टग हो चुकी है। यानी आंकड़ों की दृष्टि इस गत वर्ष के मुकाबले स्थिति बेहतर है, लेकिन मंडी के हालतों पर नजर डालें तो मंडी से कट्टे उठे हुए ही नजर नहीं आते। क्योंकि आवक गत वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। इस तरह करीब 60 फीसद से ज्यादा गेहूं की लि¨फ्टग हो चुकी है।