सौगात में उलझे भगवानदास नगरवासी, आशियानों में आई दरारें, डर के साये में कट रही रातें
उमेश भार्गव, अंबाला शहर लंबे समय से शहरवासियों का फाटक संख्या 126ए पर अंडरब्रिज बनने का
उमेश भार्गव, अंबाला शहर
लंबे समय से शहरवासियों का फाटक संख्या 126ए पर अंडरब्रिज बनने का इंतजार तो इस साल खत्म हो जाएगा। लेकिन इस सौगात ने कई लोगों के आशियानों और दुकानों पर ग्रहण लगा दिया है। सौगात के चक्कर में करीब दर्जनभर परिवार और कई दुकानदारों का रोजगार खतरे में पड़ गया है। अंडरब्रिज के कारण भगवानदास नगर में जमीन धंसने से मकानों और दुकानों में दरारें आ गई हैं। कई परिवार डर के साये में जी रहे हैं। कुछ परिवारों ने तो डर के कारण यहां से पलायन भी कर दिया है। अब यह परिवार किराये के मकानों में रह रहे हैं। टीम दैनिक जागरण इन लोगों तक पहुंची तो सभी का दर्द फूट पड़ा। लोगों ने बताया कि टीम यहां आकर सब कुछ देख चुकी है, लेकिन किसी ने उसके बाद कुछ नहीं किया।
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क्या है माजरा:-
यह अंडर ब्रिज भगवानदास नगर वार्ड नंबर 7 के पास बन रहा है। इसकी लंबाई 53 मीटर है। इस अंडर ब्रिज के दायरे में जो मकान और दुकानें आती हैं उन सभी में दरारें आ गई हैं। हालांकि इनमें से कुछ घर और दुकानें पुरानी हैं, लेकिन अंडर ब्रिज के बनने से पहले यह सभी सुरक्षित थी। जैसे ही अंडर ब्रिज के निर्माण के लिए जेसीबी ने खोदाई की तो उसके कुछ समय बाद ही मिट्टी धंसने से यहां बने आशियानों और दुकानों में दरारें आ गई हैं।
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मई 2019 तक बनना है, लेकिन जुलाई तक होगा पूरा
7.96 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अंडरब्रिज को 17 मई 2019 तक बनाना था, लेकिन इसके निर्माण कार्य में ही देरी हो गई। इसीलिए अब इसे जुलाई 2019 तक पूरा कर जनता को समर्पित किया जाएगा। हालांकि माना यह जा रहा है कि अगस्त से पहले इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाएगा। -----------------------
रेलवे का अटपटा जवाब, अधिकारी बोले-दे देंगे सीमेंट
इस बारे में डॉ. यूडी शर्मा के यहां रेलवे अधिकारी और कॉलोनी वासियों की बैठक हुई थी। इसमें रेलवे अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों के घरों में थोड़ी बहुत दरारें आई हैं, उन्हें सीमेंट उपलब्ध करा देंगे। अधिकारियों का कहना है कि इसमें केवल सीमेंट ही भरा जा सकता है। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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बेटे, बहू और बच्चों को यहां से भेजा
फोटो: 03
भगवानदास नगरवासी सावित्री ने बताया कि मेरा बेटा और बहू अपनी दो बेटियों के साथ पहली मंजिल पर रहते थे। लेकिन पुल बनने के कारण हमारे घर में दरारें आ गई। इसीलिए मैंने अपने बेटे और बहू को बच्चों सहित यहां से निकाल दिया। पैसे तो जैसे-तैसे कमा लेंगे लेकिन जान चली गई तो वह वापस नहीं आ सकती। पति मजदूरी करते हैं। हम किराये पर नहीं जा सकते। ----------------
दरार ही नहीं, दीवारें भी धंसी
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शकुंतला ने बताया कि घर की दीवारों में केवल दरारें ही नहीं आई बल्कि दीवारें धंस भी गई हैं। इतना ही नहीं फर्श तक में दरारें आ चुकी हैं। गरीब लोग हैं। पहले ही बड़ी मुश्किल से जैसे-तैसे मकान बनाए थे। पूरे घर में एक भी कोना ऐसा नहीं है जहां दरारें न आई हों।
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दुकान भी खिसक गई
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नवीन कुमार ने बताया कि हमारी दो दुकानें और टू रूम सेट है। पूरे मकान की दीवार के बीचोंबीच दरार आ चुकी है। दुकान भी खिसक गई है। ऊपर वाला हिस्सा तो हाल ही में हमने बनवाया था। रेलवे वाले आकर गए थे लेकिन अभी तक तो किसी ने हमें कोई जवाब नहीं दिया। इनकी शिकायत कहां करें हमें तो यह भी नहीं पता। -------------
किराये पर ली दुकान, हुआ नुकसान
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दुकानदार श्याम लाल ने बताया कि किराये पर दुकान ली हुई है लेकिन अब इसमें भी कई जगह दरारें आ गई हैं। दुकान के ऊपर जो मकान और स्टोर बना है उसमें भी काफी नुकसान हुआ है। ----------------------
यह मामला संज्ञान में आया है। इससे कुछ लोग ही प्रभावित हुए हैं लेकिन वह सभी सुरक्षित हैं। काम होता है तो आसपास के एरिया में थोड़ी बहुत दिक्कतें तो आती ही हैं। इन लोगों को सीमेंट उपलब्ध करा दिया जाएगा।
हरबंस, एक्सइएन रेलवे लुधियाना।