ऑनलाइन ठगी ने उड़ाई पुलिस की नींद, 33 में से महज 7 सुलझी
राजीव ऋषि, अंबाला शहर ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों ने पुलिस अफसरों की नींद उड़ा दी
राजीव ऋषि, अंबाला शहर
ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों ने पुलिस अफसरों की नींद उड़ा दी है। करीब दो सालों में ऑनलाइन ठगी के 33 मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें से सिर्फ सात मामलों को ही पुलिस सुलझा सकी है। मामलों को सुलझाने के लिए स्पेशल ¨वग का चार माह पहले गठन किया जा चुका है। अधिकतर मामलों में बैंक व एलआइसी अधिकारी बताकर वारदात को अंजाम दिया गया है।
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घटना के तुरंत बाद ये करें
- अंजान को फोन करने के बजाय ब्रांच में जाकर जानकारी लें। घटना के तुरंत बाद बैंक की पासबुक में एंट्री कराकर सीधे साइबर सेल में संपर्क करें। यदि घटना बैंक बंद होने के बाद हो तब भी ऐसा ही करें। फोन नंबर व डेबिट खातों का रिकार्ड साइबर सैल कुछ ही समय में एकत्रित कर सकता है, जिससे तत्काल कार्रवाई में आसानी होती है।
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यूं बदले जाते बुजुर्गों के एटीएम कार्ड, ऐसे सुलझते केस
- ज्यादातर बुजुर्गों को एटीएम कार्ड की लिमिट व एक अवधि में निकलने वाली राशि का ज्ञान नहीं है। सामान्य तौर पर एक बार में पैसे निकालने की लिमिट 10 हजार है। बुजुर्ग 20000 का एमाउंट भरते हैं जोकि नहीं निकलता। ठग इर्द-गिर्द होते हैं। बुजुर्ग द्वारा आराम से भरा जाने वाला कोड ठग भांप लेते हैं। सहयोगी बनकर धोखे से एटीएम बदलकर उसी या नजदीकी एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं। बैंक खाते में फीड मोबाइल नंबर पर मैसेज आने से हेराफेरी पता चलती है। सीसीटीवी में दिखे आरोपितों के चेहरे ही सफलता की उम्मीद होते हैं। फोटो नजदीकी राज्यों की पुलिस को भेजे जाते हैं।
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ये हुई दो बड़ी घटना
- 10 जनवरी को कचहरी रोड पर स्थित पीएनबी के एटीएम से दुर्गानगर कालोनी वासी प्रेम कुमार का एटीएम बदलकर 30 हजार 500 तथा 15 मार्च को एक्सिस बैंक के एटीएम से सेक्टर-10 वासी चौधरी राम अरोड़ा का एटीएम बदलकर 50 हजार निकाल लिए गए। दोनों मामलों में ठगों के गिरोह ने एटीएम में बुजुर्गों के इर्द-गिर्द रहकर उनका एटीएम कोड देख लिया। धोखे से कार्ड बदलकर पहले आरोपितों ने दूसरे एटीएम तथा दूसरे में उसी एटीएम से पैसे निकाले।
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लोग जागरूक बनें, फोन पर अंजान का न दें कोई जानकारी : एसपी
एसपी अभिषेक जोरवाल के अनुसार साइबर के इन मामलों पर अंकुश लगाने के लिए नागरिकों का जागरूक होना आवश्यक है। किसी को भी फोन पर आधार कार्ड, मोबाइल, एटीएम कार्ड या किसी अन्य दस्तावेज की जानकारी न दें, बैंक में अपना शंका का निवारण कराएं।