धुंध और शीतलहर की आगोश में जनजीवन
अंबाला शहर में शुक्रवार सुबह की शुरुआत धुंध में लिपटी हाड़ कंपाती सर्दी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
जागरण सवांददाता, अंबाला शहर : शुक्रवार सुबह की शुरुआत धुंध में लिपटी हाड़ कंपाती सर्दी के साथ हुई। सर्द रात के देर सुबह सूर्य देव के दर्शन हुए। हालांकि, दोपहर में हल्की धूप निकली लेकिन राहत नहीं मिल पा रही थी। शाम ढलने के बाद एक बार फिर जनजीवन ठिठुरन की चपेट में नजर आया। दिन का अधिकतम तापमान 2 डिग्री की गिरावट के साथ 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, मौसम विभाग ने 6 जनवरी को बरसात की संभावना जताई है इससे सरसों व तोड़ियां जैसी रबी की फसलों को नुकसान हो सकता है। हालांकि, गेहूं के यह बरसात मोती बनकर बरसेगी।
शुक्रवार सुबह धुंध के चलते वाहन चालक परेशान रहे वहीं, बाजारों में भी असर देखा जा रहा है। बाजारों की रौनक गायब रही। लोगों की घरों एवं प्रतिष्ठानों से आवाजाही भी कम होती जा रही है। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लेते देखे जा रहे हैं। इस ठंड से सबसे ज्यादा संकट बुजुर्गों व बच्चों को झेलना पड़ रहा है। बस राहत यह है कि बच्चों की इन दिनों छुट्टियां चल रही हैं।
गेहूं के लिए मुफीद साबित होगी ठंड
भले ही कामकाजी लोगों की ठंड से परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं, कृषक वर्ग के लिए यह ठंड काफी फायदेमंद साबित होने वाली है। कृषि विभाग के मुताबिक जिले की करीब 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से इस समय करीब 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल ली जा रही है। कुछ किसान सब्जी व सरसों की फसल ले रहे हैं। गेहूं व सरसों के लिए बरसात उपयोगी रहने वाली है लेकिन ओलावृष्टि की स्थिति में सरसों को नुकसान पहुंच सकता है। सद्दोपुर के किसान जसपाल ¨सह, सपेहड़ा के किसान बल¨जद्र ¨सह व पंजोखरा के किसान गुरप्रीत ¨सह के मुताबिक ठंड बढ़ने से गेहूं का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र तेपला के विज्ञानी गुरु प्रेम के मुताबिक जितनी लंबी अवधि तक ठंड पड़ेगी उसका गेहूं को फायदा होगा। कोहरा पड़ने की स्थिति में व इन दिनों बरसात से तोड़िया व सरसों को नुकसान संभव है।