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सोलर से जगमग होगा छावनी का स्टेशन, कर्मियों के घर भी होंगे रोशन

देशभर के बड़े रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर अब अंबाला का रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से जगमगाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:33 AM (IST)
सोलर से जगमग होगा छावनी का स्टेशन, कर्मियों के घर भी होंगे रोशन
सोलर से जगमग होगा छावनी का स्टेशन, कर्मियों के घर भी होंगे रोशन

अंशु शर्मा, अंबाला:

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देशभर के बड़े रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर अब अंबाला का रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से जगमगाएगा। इसके अलावा रेलवे कॉलोनी के घर भी इसी बिजली से रोशन करने की योजना है। इसके लिए बाकायदा स्टेशन पर बने सातों प्लेटफार्म के शेड, टिकट काउंटर और कार्यालय की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इससे जनरेट होने वाली बिजली प्लेटफार्म, पार्सल घर, प्रतीक्षालय, टिकट घर और स्टेशन के जरूरी कार्यालयों में सप्लाई होगी। कॉलोनी के सभी क्वार्टरों की बिजली सप्लाई को सीधा इनसे जोड़ा जाएगा। हालांकि छावनी स्टेशन पर सोलर पैनल लगाने का काम शुरू हो चुका है। ज्यादातर हिस्से में 50-50 वाट के पैनल लग भी चुके हैं। अनुमान है कि इस साल के अखिरी तक यह प्रोजेक्ट जल्द पूरा होगा, जो छावनी स्टेशन के लिए बड़ी सौगात होगी। छावनी स्टेशन से देश के किसी भी कोने की ट्रेन मिलने के कारण यहां यात्रियों की भीड़ रहती है। सैंकड़ों ट्रेनें रोजाना इस स्टेशन से होकर गुजरती है। हरियाणा सरकार को दी जाएगी बिजली

केवल रेलवे स्टेशन व कॉलोनी में बिजली सप्लाई नहीं होगी। रेलवे के प्रोजेक्ट में सोलर पैनल से मिलने वाली सौर ऊर्जा इस्तेमाल के बाद बचती है तो उसे हरियाणा सरकार को भी दिया जाएगा। सोलर पैनल से रेलवे के अलावा हरियाणा सरकार को भी फायदा होगा। बाकायदा इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए हरियाणा सरकार व रेलवे के बीच एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेडिग) होना है, जिसकी प्रक्रिया लगभग चल रही है। इसके होते ही रेलवे अपने प्रोजेक्ट को शुरू कर देगा। प्राइवेट कंपनी को सौंपा जिम्मा

रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लगाने की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी को दी गई है। 25 साल का कॉन्ट्रैक्ट होगा। कोई खराबी होगी तो कंपनी खुद ठीक कराएगी। रेलवे कंपनी को करीब चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करेगा। अभी बिजली का सात रुपये प्रति यूनिट देना पड़ता है। 2012 में चलाई गई थी ट्रेन

रेलवे की ओर से सोलर ऊर्जा का पहला इस्तेमाल 2012 में ट्रेन चलाने के लिए किया गया था। कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर चलने वाली विश्व धरोहर टॉय हिमालयन क्वीन विश्व की पहली ट्रेन थी, जिसे सौर ऊर्जा से चलाया गया। इस सफलता के बाद धीरे-धीरे रेलवे ने स्टेशनों को भी सौर ऊर्जा से चलाने का फैसला लिया। इस प्रोजेक्ट के तहत इसे सभी स्टेशनों पर लागू किया जा रहा। बिजली के खर्च में कमी आने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड ने सौर ऊर्जा प्लांट लगाने का फैसला लिया है। रेलवे स्टेशन के अलावा कर्मचारियों की कॉलोनी में भी सप्लाई की जाएगी। यहां तक कि प्रोजेक्ट के तहत बची बिजली हरियाणा सरकार को भी दी जाएगी। उसके लिए एक एमओयू साइन होना है। सोलर प्लांट लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है।

बीएस गिल, स्टेशन डायरेक्टर, अंबाला छावनी


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