टूटी पड़ी गलियां, पानी निकासी ठप होने से कीचड़ में से गुजर रहे इलाकावासी
नन्हेड़ा रोड स्थित मोहन नगर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। भले ही लोगों की संख्या नगर में बढ़ती जा रही हो। मगर विकास कार्यों के नाम पर अभी भी यह इलाका पिछड़ा हुआ है। नगर के अंदर कई गलियां ऐसी है जो टूटी पड़ी है। नालियां तक न होने के कारण पानी निकासी पूरी तरह से ठप है। यहीं कारण है कि बरसात के दिनों में पानी सड़कों पर जमा हो जाता है और कई-कई दिनों तक गली में कीचड़ रहता है। खाली प्लाटों के अंदर दो-दो माह से जमा बरसाती पानी भी सड़ चुका है। जिस कारण पूरे इलाके में मच्छर, मक्खियों की भरमार है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: नन्हेड़ा रोड स्थित मोहन नगर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। भले ही लोगों की संख्या नगर में बढ़ती जा रही हो। मगर विकास कार्यों के नाम पर अभी भी यह इलाका पिछड़ा हुआ है। नगर के अंदर कई गलियां ऐसी है जो टूटी पड़ी है। नालियां तक न होने के कारण पानी निकासी पूरी तरह से ठप है। यहीं कारण है कि बरसात के दिनों में पानी सड़कों पर जमा हो जाता है और कई-कई दिनों तक गली में कीचड़ रहता है। खाली प्लाटों के अंदर दो-दो माह से जमा बरसाती पानी भी सड़ चुका है। जिस कारण पूरे इलाके में मच्छर, मक्खियों की भरमार है। निगम अधिकारियों की अनदेखी के कारण नगर लोक नरकीय जीवन जीने को मजबूर है।
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क्षेत्रवासी कांता, सुधा, मनोज गौतम, बंत ¨सह, नसीब का कहना है कि मोहन नगर में बसे उन्हें लंबा समय हो चुका है। हैरानी की बात है कि अभी तक सफाई कर्मचारी तो दूर कोई कूड़ा उठाने तक नहीं पहुंचता। जिस कारण मजबूरन उन्हें खुद ही कूड़े के लिफाफे लेकर घर से काफी दूर जाना पड़ता है। हर बार वह नगर निगम में जाकर प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष गली के निर्माण का रोना रो चुके। केवल झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला। पूरे इलाके की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। पूरे इलाके में पसरी गंदगी के कारण बीमारी फैलने का भी खतरा मंडराता रहता है। निगम अधिकारियों को चाहिए कि कम से कम इलाके में आकर जायजा लें तो उन्हें लोगों की समस्याओं का अंदाजा लगेगा।
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मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है। सड़कें टूटी पड़ी है तो संबंधित अधिकारियों से बात की जाएगी।
जयवीर आर्य, कमिश्नर, नगर निगम