लैब, ओटी और लेबर रूम को टीम ने दिया एक्सीलेंट, बिना धुली चादरों ने कराई किरकिरी
जागरण संवाददाता, अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में तीन से नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) अवॉर्ड मूल्याकंन सर्वे कर रही टीम बुधवार को यहां से रवाना हो गई। लेकिन टीम ने जाते-जाते अनौपचारिक तौर पर अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर कुछ प्वाईंटस भी दिए है।
जागरण संवाददाता, अंबाला
छावनी के नागरिक अस्पताल में तीन से नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) अवॉर्ड मूल्याकंन सर्वे कर रही टीम बुधवार को यहां से रवाना हो गई। लेकिन टीम ने जाते-जाते अनौपचारिक तौर पर अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर कुछ प्वाईंटस भी दिए है। टीम ने आइपीडी ब्लॉक में चौथे फ्लोर पर स्थित लैब, आप्रेशन थियेटर और लेबर रूम को कागजों में एक्सीलेंट दिया है। जबकि बिना धुली चादरों के कारण किरकिरी हो गई है। वहीं एक्स-रे और और फार्मासिस्ट को एक्सीलेंट के बजाए गुड मिला है। यहां तक की टीम ने फार्मासिस्टों के बीच में तालमेल की कमी को भी उजागर किया है। हालांकि टीम सदस्यों ने अस्पताल में मौजूदा व्यवस्थाओं को ओर अधिक दुरुस्त करने के लिए भी अस्पताल प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए है।
गौरतलब है कि एनक्वास की टीम 21 जनवरी की सुबह ही अस्पताल में निरीक्षण करने के लिए पहुंच गई थी। इस टीम में पटना मेडिकल एंड कॉलेज अस्पताल के कंसलटेंट आलोक रंजन और दिल्ली के जेबी पंथ इंस्टीच्यूट की डायरेक्टर एवं प्रोफेसर पूनम नारंग मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने तीनों दिन अस्पताल में चप्पे-चप्पे का निरीक्षण कर खामियां ढूंढी। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में मरीजों से भी बातचीत की और स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी जा रही सुविधाओं से संतुष्टि बारे भी भी पूछा। हालांकि मरीजों ने व्यवस्थाओं को लेकर अच्छा रिस्पांस दिया। हालांकि अस्पताल में रोजाना दिन मुताबिक बेड पर बिछाई जाने वाले चादरों को लेकर टीम ने कुछ नाराजगी जरूर जाहिर की। उन्होंने कहा कि बेड पर रोजाना दिन के मुताबिक चादर बिछाई जानी चाहिए और बेड पर चाहे कोई मरीज आए या नहीं, लेकिन उस चादर को अन्य चादरों के साथ रोजाना धोया जाना चाहिए। इसके अलावा सदस्यों ने फार्मासिस्ट कर्मियों के बीच बिगड़े हुए तालमेल को भी ठीक करने के लिए कहा। वहीं अब एक अन्य टीम शहर जिला नागरिक अस्पताल में निरीक्षण करेगी।