स्वदेशी रेल पटरियों पर, स्पीड ट्रायल में उलझी चीनी ट्रेन, चीन के 14 रैक पर संकट
चीन को भारतीय रेलवे से फिर झटका मिल सकता है। लुधियाना-कोलकाता डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट में चीन का टेंडर रद होने पर अब कोलकाता मेट्रो को लेकर उसे झटका लग सकता है।
अंबाला, [दीपक बहल]। लुधियाना-कोलकाता डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट में चीन को झटका मिलने के बाद उसे एक और धक्का लग सकता है। इस प्रोजेक्ट में कानपुर से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) के बीच 417 किमी की दूरी में सिग्नल के लिए तार बिछाने वाली चीन की कंपनी का टेंडर रद हो गया था। अब कोलकाता मेट्रो के लिए चीन से आयात होने वाली 14 रैक (ट्रेनें) पर निगाहें टिकी हैं। कोलकाता मेट्रो के लिए चीन से आयात होने वाली ट्रेन भले ही पटरी पर नहीं उतरी, लेकिन स्वदेशी ट्रेन पटरी पर उतर चुकी है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। यह स्वदेशी ट्रेन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) द्वारा बनाई गई है।
लुधियाना-कोलकाता डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट में चीन का टेंडर रद होने के बाद कोलकाता मेट्रो पर निगाहें
बता दें कि करीब सवा साल पहले चीन में सीआरआरसी डाल्यान निर्मित रैक समुद्री रास्ते से कोलकाता आया था। यह रैक आधुनिक सुविधाओं से लैस है, लेकिन स्पीड ट्रायल में फंस गया। सूत्रों के अनुसार 90 किलोमीटर प्रतिघंटा (केएमपीएच) की रफ्तार का ट्रायल होना था, जो 80 केएमपीएच पर फिट माना जाता है।
40 एयर कंडीशन ट्रेनों में से कुछ ट्रेनें आइसीएफ ने पटरी पर उतारी, चीन की 14 में से एक भी पटरी पर नहीं
चीन की कंपनी का ट्रायल 60 केएमपीएच की गति से हुआ, जो 55 केएमपीएच माना गया। इसकी रिपोर्ट लखनऊ रिसर्च डिजाइंस एंड स्टैंडर्डस आग्रेनाइजेशन (आरडीएसओ) को भेजी गई। यहां से फाइल रेलवे बोर्ड को भेजी गई। अब अंतिम फैसला रेलवे बोर्ड पर टिका है। ऐसी ट्रेनों का प्रोजेक्ट चीन के साथ चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) को भी दिया गया था। इसमें से 12 से अधिक ट्रेन बनाकर आइसीएफ ने पटरी पर उतार दी। कुल 40 रैक कोलकाता मेट्रो के लिए पटरी पर उतरने हैं।
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चीन से 14 रैक का आर्डर है : बनर्जी
जागरण से बातचीत में मेट्रो की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी इंद्राणी बनर्जी ने कहा कि चीन के डालियान से 14 रैकों का ऑर्डर है, लेकिन अब तक एक रैक ही कोलकाता आया है। चीन की डालियान कंपनी से पहला मेट्रो रैक मार्च 2019 में जहाज के माध्यम से कोलकाता पहुंचा था। कोलकाता मेट्रो में फिलहाल 27 रैक चलते हैं, जिसमें से 13 नॉन एसी रैक हैं।
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