दुष्कर्म के झूठे केस में 14 माह शांडिल्य रहे जेल, फंसे इंस्पेक्टर-आइओ, महिला पर चलेगा केस
एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज करने के मामले में थाना प्रभारी और जांच अधिकारी (आइओ) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। एडिशनल सेशन जज ने दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज करने के मामले में थाना प्रभारी और जांच अधिकारी (आइओ) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। एडिशनल सेशन जज ने दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ भी कोर्ट में केस चलेगा। अदालत ने 12 दिसंबर को महिला को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए हैं। दुष्कर्म के मुकदमे में भले ही शांडिल्य बरी हो गए थे, लेकिन उन्हें इस मामले में करीब 14 माह तक जेल में रहना पड़ा। जिस महिला ने सन 2011 में मुकदमा दर्ज कराया उसका नाम और घर का पता तक फर्जी पाया गया था। इसकी सुनवाई पांच साल चली, जिसमें पुलिस ने 17 गवाह पेश किए जबकि वीरेश शांडिल्य की तरफ से डिफेंस के 85 गवाह पेश हुए थे। 1 जून, 2015 को शांडिल्य को बरी किया था। शांडिल्य ने वकील सुमित शर्मा के माध्यम से सीआरपीसी की धारा 340 के तहत अदालत में केस दायर किया और फर्जी मामला दर्ज करवाने वाली महिला और मुकदमा दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी रजनीश यादव और जांच अधिकारी गुरदर्शन ¨सह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। वीरेश शांडिल्य ने पत्रकार सम्मेलन कर उक्त जानकारी दी और कहा कि झूठा केस दर्ज कर उसका सामाजिक व राजनीतिक भविष्य बर्बाद करने का प्रयास किया गया था।पुलिस अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच होगी।