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आखिर समय में ऑफलाइन आवेदन लेने से इंकार, भटकते रहे अभिभावक

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By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 09:11 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 09:11 AM (IST)
आखिर समय में ऑफलाइन आवेदन लेने से इंकार, भटकते रहे अभिभावक
आखिर समय में ऑफलाइन आवेदन लेने से इंकार, भटकते रहे अभिभावक

जागरण टीम, अंबाला: मिशन 134ए के आवेदन के पहले दिन ट्विन सिटी में अभिभावक अपने बच्चों के दाखिले के लिए फार्म जमा कराने के लिए भटकते रहे लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। ज्यादातर अभिभावक ऑफलाइन आवेदन करने के लिए फार्म लेकर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में पहुंचे थे लेकिन यहां उन्हें बताया गया कि आफ लाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इसलिए आवेदन आनलाइन जमा कराएं। ज्यादातर अभिभावक अनपढ़ थे इसीलिए उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह आनलाइन कैसे होंगे। जो पढ़े लिखे थे उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों व कर्मियों से आनलाइन आवेदन के लिए लिक मांग लिया। ऐसे में अधिकारी और कर्मी बगले झांकने लगे क्योंकि उन्हें भी लिक के बारे में जानकारी नहीं थी। इसी तरह अभिभावकों से मौके पर स्कूल रजिस्ट्रेशन नंबर मांगा गया। इसकी भी उनके पास जानकारी नहीं थी।

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11:54 पर आया फरमान:

11:54 पर आया फरमान सुन भड़क उठे परिजन फार्म जमा करने के लिए बच्चों को लेकर पहुंचे अभिभावकों का पारा छावनी के बीईओ कार्यालय में उस समय चढ़ गया। जब फार्म लेते-लेते कर्मचारियों ने 11 बजकर 54 मिनट पर फार्म लेने से इंकार कर दिया। आलाधिकारियों के निर्देश बोलकर उन्हें ऑनलाइन ही आवेदन करने के बारे में बोला। इस बीच कर्मचारियों व अभिभावकों के बीच तीखी बहस भी हुई। कर्मचारियों ने समझा-बुझाकर मामले को शांत करवाया। बता दें कि शिक्षा विभाग ने आनलाइन के साथ ऑफलाइन आवेदन के भी आदेश जारी किए थे।

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पहले सूचित करना चाहिए था

दाखिला फार्म जमा करवाने के लिए सुबह ही कार्यालय पहुंचा गया था। अधूरा फार्म होने के कारण दो घंटे तो दस्तावेजों को पूरा करने में लग गए। जैसे-तैसे फार्म पूरा कर लौटा तो पता चला कि फार्म ऑनलाइन ही जमा होंगे। पहले कर्मचारी खुद ऑफलाइन फार्म जमा करने की बात बोल रहे थे। इस बारे शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एक दिन पहले सूचित करना चाहिए था।

हरिहर तिवारी, हरी नगर

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पूरे दिन परेशान रही

कामकाज छोड़कर नौवीं कक्षा में बच्चे का दाखिला करवाने के लिए फार्म लेकर पहुंचा था। पत्नी भी सुबह से ही साथ है। पहले तो कार्यालय में अचानक फार्म लेने बंद कर दिए। जब वह साइबर कैफे में पहुंचे तो उन्होंने भी वेबसाइट न चलने की बात बोलकर लौटा दिया। पूरा दिन ही परेशानी भरा रहा।

जितेंद्र , एकता विहार।

------- दो दिन से काट रहा हूं चक्कर

दो दिन से फार्म जमा करवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। पहले दिन आए तो बृहस्पतिवार को जमा होने की बात बोलकर लौटा दिया। अब दोबारा निराश होकर वापिस लौटना पड़ रहा है। कम से कम अभिभावकों की परेशानी को समझना चाहिए कि कैसे वह धक्के खा कर कार्यालय पहुंचते हैं और फिर उन्हें लौटा दिया जाता है।

राजविद्र कौर अभिभावक, गोल्डन पार्क।

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तुगलकी फरमान ने बढ़ाई परेशानी

सुबह ठीक 9 बजे बच्चे को लेकर कार्यालय पहुंच गया था। पहले तो फार्म जमा किए जा रहे थे तब उन्हें दस्तावेजों में उलझा दिया। दस्तावेज पूरे हुए तो बाहर साइबर कैफे पर जाकर ऑनलाइन फार्म के लिए बोल दिया। इस तुगलकी फरमान ने अभिभावकों की परेशानी बढ़ा दी है। जोकि सरासर गलत है।

नवदीप गुप्ता अभिभावक, शालीमार कालोनी

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सुबह से ही बच्चे के साथ भटक रही हूं

सुबह से बच्चे को संग लेकर भटक रही हूं। सही जानकारी ही नहीं मिल रही। कर्मचारी पहले फार्म जमा कर रहे थे कि अचानक बंद कर दिए। एक तो किराया खर्च कर यहां तक पहुंची है और उन्हें अब फिर से साइबर कैफे में भेज दिया। ऑनलाइन ही फार्म होने थे तो कम से कम नोटिस बोर्ड या फिर पहले ही सूचित कर देना चाहिए था।

माधवी अभिभावक, राणा पार्क

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एसआरएन नंबर के बारे में पता नहीं

विभाग कह रहा है कि एसआरएन नंबर लेकर आओ। हमें तो यह पता ही नहीं है कि यह है क्या, अब कह रहे हैं कि स्कूल जाओ। साथ ही आनलाइन की आवेदन के लिए कह रहे हैं। पहले आफलाइन भरने के लिए भी कह रहे थे।

प्रवीण अभिभावक, सरस्वती नगर, दुर्गा कालोनी।

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दोनों तरह से आवेदन लेने चाहिए

आखिर समय में ही हमें यह बताया गया। पहले क्यों नहीं बताया गया। हर बार सरकार अभिभावकों को इसी तरह भटकाती है। सरकार पहले तो कह रही थी आफ लाइन और आनलाइन दोनों तरह से आवेदन जमा कराए जा सकते हैं। लेकिन अब हमारे ऑफलाइन आवेदन नहीं लिए जा रहे।

दीपक अभिभावक, सेक्टर-7

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जानकारी पहले भी दी जा सकती थी

मैं पांच-छह दिन से चक्कर लगा रही हूं। आटो में आना पड़ रहा है। मैं अनपढ़ हूं और पति सुबह काम से निकल जाते हैं। यदि ऐसा ही करना था तो हमें इतने दिन से चक्कर क्यूं कटवाए। यह जानकारी तो पहले भी दी जा सकती थी।

संतोष अभिभावक, बलदेव नगर।


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