Move to Jagran APP

धोखाधड़ी में निगम के तीन और कर्मियों के नाम आए सामने, आरोपित क्लर्क भेजा जेल

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी की तीन बेशकीमती जमीनों की मुटेशन के फर्जीवाड़े में गिर

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 06:15 PM (IST)
धोखाधड़ी में निगम के तीन और कर्मियों के 
नाम आए सामने, आरोपित क्लर्क भेजा जेल
धोखाधड़ी में निगम के तीन और कर्मियों के नाम आए सामने, आरोपित क्लर्क भेजा जेल

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी की तीन बेशकीमती जमीनों की मुटेशन के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किए गए नगर निगम के पूर्व क्लर्क घसीटा ¨सह ने तीन दिन के पुलिस रिमांड में चौकाने वाली बातों का खुलासा किया है। इस खेल में उनके साथ नगर निगम के तीन अन्य कर्मचारियों के भी नाम सामने आए हैं, जिन्हें भी एसआइटी ने जल्द ही गिरफ्तार करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं अनन्या कंपनी के जिन तीन अफसरों के खिलाफ मुटेशन की गई थी उनकी सालों पहले मौत हो चुकी है और वे केस में नामजद हैं। आरोपित क्लर्क को पूछताछ करने के बाद जांच टीम ने मंगलवार सुबह कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

loksabha election banner

गौरतलब है कि स्टाफ रोड स्थित बस स्टैंड के सामने मेट्रोपोल होटल व पार्किग प्रॉपर्टी नंबर 125-ए, क्रास रोड प्रॉपर्टी नंबर 6353 और हिल रोड स्थित प्रॉपर्टी नंबर 3705 जली हुई मिल जमीन गंगा राम एंड संस के नाम पर है। मई 2016 में गंगा राम एंड संस से करण अग्रवाल को पता लगा कि रिकार्ड में हेराफेरी कर उनकी जमीन की मुटेशन वर्ष 2008 से दिल्ली की अनन्या कंपनी के नाम बदल दी गई है। इसके बाद पहले तो रिकार्ड में हुई हेराफेरी को ठीक करवाया गया और बाद में सीएम ¨वडो में शिकायत दी। इसके बाद मामले की जांच करने पर उस समय नगर परिषद के ईओ बीबी भारद्वाज व क्लर्क घसीटा राम का नाम सामने आया। नगर निगम संयुक्त आयुक्त गगनदीप ¨सह ने सदर थाने में शिकायत दी जिसके आधार पर 25 सितंबर 2017 को ईओ बीबी भारद्वाज, क्लर्क घसीटा ¨सह, अनन्या कंपनी से बलवंत राय, सत प्रकाश और सुरेंद्र मोहन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

सरकारी रिकॉर्ड को निगम से किया गया खुर्द-बुर्द

जांच टीम ने 13 अप्रैल को आरोपित बीबी भारद्वाज को गिरफ्तार कर जेल भेजा और 21 अप्रैल को क्लर्क घसीटा ¨सह को पकड़कर तीन दिन का रिमांड लिया। रिमांड में घसीटा ¨सह ने उस समय इस खेल में शामिल रहे तीन अन्य सरकारी कर्मचारियों का नाम लिया। जांच टीम में एएसआइ नरेश राठी ने आरोपित को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं इस दौरान जांच टीम नगर निगम में भी पहुंची और वहां 2002 से 2005 का हाउस टैक्स एसेसमेंट रजिस्टर भी देखा। लेकिन वह रजिस्टर निगम से गायब मिला क्योंकि इसी रजिस्टर में गंगा राम एंड संस की मुटेशन बदली गई थी।

वर्जन

रिमांड में आरोपित ने कुछ अन्य कर्मियों के भी नाम बताए है जिन्हें कार्रवाई पूरा होते जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपित क्लर्क को रिमांड के बाद जेल भेज दिया गया है।

कुलभूषण, सीआइए-2 इंचार्ज।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.