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डिफेंस एरिया में पेड़ों की अवैध कटाई, रक्षा मंत्री के दरबार में मामला

डिफेंस इस्टेट आफिस (डीईओ) द्वारा सेना क्षेत्र में पेड़ कटाई का मामला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दरबार में पहुंच गया है। दावा है कि अवैध रूप से आर्मी एरिया में पेड़ों की कटाई का गोरखधंधा चल रहा है जबकि इसमें सारे नियम कानून ताक पर रखे गए हैं। खेल इस तरह से खेला जाता है कि ठेकेदार व अधिकारी मिलकर मोटी कमाई कर रहे हैं। इतना ही नियम है कि सूखे पेड़ों को कटवाने के निर्देश आते हैं जिनकी आड़ में हरे पेड़ों की भी बलि दी जाती है। यह खेल काफी समय से चल रहा है जिसकी यदि जांच कराई जाए तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 08:45 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:12 AM (IST)
डिफेंस एरिया में पेड़ों की अवैध कटाई, रक्षा मंत्री के दरबार में मामला
डिफेंस एरिया में पेड़ों की अवैध कटाई, रक्षा मंत्री के दरबार में मामला

जागरण संवाददाता, अंबाला : डिफेंस इस्टेट आफिस (डीईओ) द्वारा सेना क्षेत्र में पेड़ कटाई का मामला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दरबार में पहुंच गया है। दावा है कि अवैध रूप से आर्मी एरिया में पेड़ों की कटाई का गोरखधंधा चल रहा है, जबकि इसमें सारे नियम कानून ताक पर रखे गए हैं। खेल इस तरह से खेला जाता है कि ठेकेदार व अधिकारी मिलकर मोटी कमाई कर रहे हैं। इतना ही नियम है कि सूखे पेड़ों को कटवाने के निर्देश आते हैं, जिनकी आड़ में हरे पेड़ों की भी बलि दी जाती है। यह खेल काफी समय से चल रहा है, जिसकी यदि जांच कराई जाए, तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ सकता है।

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शिकायतकर्ता सुखदेव ने दावा किया है कि डीईओ आफिस के अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर हरे पेड़ों पर आरी चलवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पेड़ों की नीलामी के लिए आक्शन नोटिस रक्षा संपदा कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर नहीं लगाया जाता। इसी तरह पेड़ों की नीलामी का नोटिस स्टेशन हेडक्वार्टर अंबाला कैंटोनमेंट और अन्य संबंधित विभागों में नहीं भेजा जाता। केवल अथारिटी लेटर या वर्क आर्डर ही भेजा जाता है। इसी तरह लाखों रुपयों की कीमत वाले पेड़ों को केवल मात्र दस हजार रुपये से भी कम में बेचा जा रहा है। फायरवुड पेड़ बताकर इसकी कीमत को कम कर दिया जाता है। पेड़ों की मोटाई भी कम दिखाकर रेट में घपलेबाजी की जा रही है, जिससे राजस्व को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले की जांच की जाए, तो इस कार्यालय का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। एक ओर सरकार पर्यावरण बचाने के लिए काम कर रही है, तो दूसरी ओर कार्यालय द्वारा हरे पेड़ों को अवैध रूप से कटवाया जा रहा है।


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