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आइजी भारती अरोड़ा के प्रयास से 193 नशेड़ियों की छूटी लत

नशे के दलदल में फंसती जा रही युवा पीढ़ी के लिए अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा ने अनोखी पहल की। अंबाला रेंज के अंबाला यमुनानगर और कुरुक्षेत्र के 193 नशेड़ियों का जीवन सुधारने में पुलिस का मानवीय चेहरा दिखा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 07:15 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 07:15 AM (IST)
आइजी भारती अरोड़ा के प्रयास से 193 नशेड़ियों की छूटी लत
आइजी भारती अरोड़ा के प्रयास से 193 नशेड़ियों की छूटी लत

जागरण संवाददाता, अंबाला : नशे के दलदल में फंसती जा रही युवा पीढ़ी के लिए अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा ने अनोखी पहल की। अंबाला रेंज के अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र के 193 नशेड़ियों का जीवन सुधारने में पुलिस का मानवीय चेहरा दिखा। नशे के आदी हो चुके इन युवाओं अथवा पुरुषों के आश्रितों के लिए रेंज की आइजी भारती अरोड़ा की विशेष मुहिम नशाखोरी पर अंकुश ने नया जीवन देने का काम किया। अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र पुलिस ने नशे के चुंगल में फंस चुके युवाओं की काउंसिलिग कराई और नशा मुक्ति केंद्रों की मदद से नशा छुड़ाने में सफल हुई। नशे के दलदल से निकल चुके इन युवाओं और पुरुषों का परिवार खुशहाल हो चुका है। नशेड़ियों का जीवन सुधारकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल करने वाली हरियाणा पुलिस के मानवीय पहल की प्रशंसा हो रही है।

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अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा ने नशाखोरी को समाप्त करने के लिए एक विशेष योजना पर काम शुरू किया। इसके लिए 18 मई 2021 से नशे के आदी हो चुके लोगों को सूचीबद्ध करने के निर्देश पुलिस को दिए। इस पर अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर की पुलिस ने पहले चरण में 95 और दूसरे दौर में 98 नशेड़ियों को खोज निकाला। इन नशेड़ियों की जब कुंडली खंगाली तो उनके परिवार की नैया डूबती दिख रही थी। इस पर सबसे पहले नशा से दूर होने के लिए काउंसिलिग कराई और संबंधित जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में दाखिल कराया। पुलिस की देखरेख में हुई काउंसिलिग और इलाज का असर हुआ कि अब नशे पत्ती से दूर होकर अपने परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। नशे का परित्याग करने वाले अंबाला के 16, यमुनानगर के 18 और कुरुक्षेत्र के 7 लोगों को आइजी भारती अरोड़ा समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए सम्मानित करने की योजना बना रही है।

------------------ रेलवे पुलिस में भी दिखी थी अनोखी मुहिम

आइपीएस भारती अरोड़ा की मुहिम राजकीय रेलवे पुलिस में भी दिखी थी। ट्रेन की चपेट में आने के बाद लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन हजारों शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। शव का संस्कार पुलिस ने कर दिया, लेकिन मरने वालों के आपने उनकी तलाश में रहे। मृतकों के कपड़े, फोटो और मौका-ए-वारदात से मिला सामान पुलिस के पास था। ऐसे में आइपीएस भारती अरोड़ा ने प्रदेश में अलग अलग जिलों में शवों की शिनाख्त के लिए बड़े स्तर पर सेमिनार लगाए गए। मृतकों के कपड़े और उनसे मिला सामान दिखाया गया, जिसमें कई लोगों की वर्षे बाद शिनाख्त हुई थी। उस समय भारती अरोड़ा एसपी रेलवे थीं, उनके तबादले के बाद ऐसे सेमिनार रेलवे में नहीं लगाए गए। अब भी हजारों लोगों की शिनाख्त न होने की गुत्थी जीआरपी की फाइलों में दबी है।


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