हुडा ने एन्हासमेंट राशि देने में जताई असमर्थता, सेक्टरवासी फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : सेक्टर-10 के एन्हासमेंट मामले में हाई कोर्ट ने हुडा को तीन माह में निपटारा करने के निर्देश दिए थे। हुडा इस अवधि में मामले का समाधान तो नहीं कर पाया बल्कि अब एन्हासमेंट देने में ही असमर्थता जता दी है। इतना ही नहीं कोर्ट को भी इस बारे अवगत करा दिया है। वहीं, सेक्टरवासियों के मुताबिक हुडा ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश की है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : सेक्टर-10 के एन्हासमेंट मामले में हाई कोर्ट ने हुडा को तीन माह में निपटारा करने के निर्देश दिए थे। हुडा इस अवधि में मामले का समाधान तो नहीं कर पाया बल्कि अब एन्हासमेंट देने में ही असमर्थता जता दी है। इतना ही नहीं कोर्ट को भी इस बारे अवगत करा दिया है। वहीं, सेक्टरवासियों के मुताबिक हुडा ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश की है। ऐसे में वह एक बार फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सेक्टरवासियों के मुताबिक सरकार ने एन्हासमेंट पर ब्याज माफी को लेकर जो घोषणा की है। उसमें भी कोई स्पष्टता नहीं है। इस मामले में कोर्ट में 7 दिसंबर को हुई सुनवाई में हुडा ने पांचवीं एन्हासमेंट पर देने में असमर्थता जताई है। इससे पहले हुडा ने सेक्टरवासियों को पत्र भेज खुद को स्वतंत्र एजेंसी बताते हुए अपने फैसले से अवगत कराया था। जिसमें कहा था कि एन्हासमेंट पर आर्बिटेटर का फैसला चौथी एन्हासमेंट तक बनता है। हालांकि, हुडा के लोगों को इस मामले में कोर्ट से उम्मीद बनी हुई थी। सेक्टर-10 निवासी लेक्चर वेद प्रकाश कौशिक ने बताया कि एन्हासमेंट के मुद्दे पर 57 सेक्टरवासियों ने 20 दिसंबर 2017 को याचिका दायर की थी। जिसमें न्यायालय में दलील दी कि कि हुडा ने उन पर चार वर्ष का ब्याज लगाकर भेजा है। जबकि ब्याज आर्बिटेटर (मध्यस्थ) द्वारा पूर्व में दिए फैसले के मुताबिक छह माह से ज्यादा का ब्याज नहीं लिया जा सकता। इसके बाद जब इस साल 6 मार्च को जब कोर्ट की पहली पेशी लगी तो हाईकोर्ट की डबल बैंच ने हुडा को मामला तीन माह में निपटाने की डायरेक्शन दी थी।
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कोर्ट में दायर की थी अवमानना याचिका
सेक्टर-10 निवासी हर¨मदर ¨सह, वेद प्रकाश कौशिक, गुलजार ¨सह, जसमेर ¨सह व बलदेव राज आदि ने बताया कि हाई कोर्ट द्वारा दिए निर्देश की अवधि में स्थानीय स्टेट आफिसर से लेकर हुडा के मुख्यालय पंचकूला में भी बैठक हुई। मुख्य प्रशासक ने तीन माह की अवधि समाप्त होने के बाद 2 जुलाई को हुई बैठक में निपटान के लिए 15 दिन का वक्त मांगा था। लेकिन इसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया तो सेक्टरवासियों ने कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर कर दी। हालांकि, अब हुडा ने अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी है।
यह है पूरा मामला
हुडा के 28 मार्च 2017 को भेजे नोटिसों के विरुद्ध न्यायालय पहुंचे थे। सेक्टर वासियों को 925 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से पांचवीं एन्हासमेंट का नोटिस भेजा था। इस नोटिस में एक माह में एन्हासमेंट राशि जमा कराने अन्यथा 15 फीसद ब्याज वसूलने के लिए चेताया गया। इसके बाद 23 मई 2017 को 2568 रुपये प्रति वर्ग गज एन्हांसमेंट का नोटिस थमा दिया था।