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अंबाला को सुअरमुक्त बनाने के लिए हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा

शहर से लेकर छावनी क्षेत्र की आबादी में सुअर रखने से स्वाइन-फ्लू जैसी बीमारी फैलने के खतरे को देखते हुए मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 09:10 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 09:10 AM (IST)
अंबाला को सुअरमुक्त बनाने के लिए हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा
अंबाला को सुअरमुक्त बनाने के लिए हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर से लेकर छावनी क्षेत्र की आबादी में सुअर रखने से स्वाइन-फ्लू जैसी बीमारी फैलने के खतरे को देखते हुए मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा है। शहर की आधा दर्जन रिहायशी कालोनियों में कई लोग सुअर रखकर पालन कर रहे हैं। सुअर के कारण कालोनी से लेकर आसपास गंदगी और बदबू से लोग आजिज आ चुके हैं। शहर की आबादी वाले क्षेत्र को सुअर मुक्त करने की मांग को लेकर कल्याण वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने राज्य और अन्य को 6 मार्च तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है।

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कल्याण वेलफेयर सोसाइटी की ओर से याचिकाकर्ता नाहन हाउस वासी रविकांत बताते हैं कि शहर में घनी आबादी है। उसमें लोग सुअर रखते हैं। सुअर से कॉलोनी में फैलने वाली गंदगी और बदबू से स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारी फैल सकती है। इस समस्या के समाधान के लिए पहले कई बार सोसायटी के बैनर तले पदाधिकारियों ने डीसी से लेकर नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन देकर मांग किया। इसके बावजूद कोई हल निकलता देख हाईकोर्ट में राज्य और अन्य को पार्टी बनाकर याचिका दायर की गई है। याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए संबंधित से 6 मार्च तक नोटिस देकर जवाब मांगा है।

इन मुहल्लों में दिखते हैं सुअर

शहर की एमसी कालोनी, पुराना बकरा मंडी रोड, वाल्मीकि नगर, गोबर्धन नगर, कबीर नगर, हीरा नगर, कमल बिहार आदि में सुअरों का झुंड देखा जा सकता है। कालोनी के जिस रास्ते से सुअरों का झुंड निकलता है, वहां करीब एक घंटे तक बदबू के कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।


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